उदयपुर में CMHO की बैठक, मौसमी बीमारियों से निपटने के दिए सख्त निर्देश

उदयपुर: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. शंकर एच. बामनिया ने हाल ही में गोगुंदा क्षेत्र के पडावली पीएचसी से प्रभावित गांवों, जिनमें लांबी सेमल और पदमवाड़ी नयावास शामिल हैं, का सघन दौरा किया. यह दौरा क्षेत्र में मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बाद किया गया. इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएमएचओ, आईडीएसपी टीम, बीसीएमओ, बीपीओ और पीएचसी पडावली के चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहे.

डॉ. बामनिया ने चिकित्सा टीम द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया. उन्होंने पीएचसी पडावली पर एक बैठक की और सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए गुणवत्तापूर्ण गतिविधियां करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर दिन घर-घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करें और बीमार व्यक्तियों को मौके पर ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं.

इस दौरान, सीएमएचओ ने लांबी सेमल गांव में घर-घर जाकर व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया. एक घर में, उन्होंने एक बर्तन में भरा हुआ पानी देखा जिसमें मच्छरों के लार्वा पाए गए. उन्होंने तुरंत पानी खाली करवाया और लोगों को समझाया कि कैसे घरों में लंबे समय तक पानी जमा रहने से मच्छर जनित बीमारियां फैलती हैं.उन्होंने लोगों से हर हफ्ते पानी के पात्रों को खाली करने और सफाई करने का आग्रह किया ताकि मच्छरों का प्रजनन रोका जा सके.

डिप्टी सीएमएचओ डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि घरों में सोर्स रिडक्शन गतिविधियों का भौतिक सत्यापन किया गया और लोगों को बचाव के उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया गया. सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को उन जगहों पर एमएलओ (मच्छर लार्वा नियंत्रण तेल) का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए, जहां पानी जमा हो रहा है. इसके साथ ही, पानी की कुंडियों में गंबूसिया मछली छोड़ने के भी निर्देश दिए गए, जो मच्छरों के लार्वा को खाती हैं.

बीसीएमओ डॉ. दिनेश मीणा को इन गतिविधियों की निगरानी करने और जिला स्तर पर दैनिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए. सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने पीएचसी पडावली के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चिकित्सा संस्थान 24 घंटे खुला रहे, ताकि आने वाले मरीजों को बिना किसी परेशानी के उपचार मिल सके.

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