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Coastal Energen Case: अदाणी पावर के कंसोर्शियम को सुप्रीम कोर्ट से राहत, NCLAT का आदेश रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें कर्ज में डूबी कोस्टल एनर्जेन (Coastal Energen Pvt. Ltd.) के लिए अदाणी पावर (Adani Power) के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम के रिजोल्यूशन प्लान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अदाणी पावर की अगुवाई वाला कंसोर्शियम तमिलनाडु के थूथुकुडी में स्थित 1200 MW प्लांट में अपना कामकाज जारी रखेगा.

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सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि NCLAT का आदेश विसंगतियों से भरा हुआ है. कोर्ट ने NCLAT को निर्देश दिया कि एपीलेट ट्रिब्यूनल 18 सितंबर को अंतिम निपटान के लिए मामले की सुनवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि जब मामला सुनवाई के लिए सामने आएगा तो पक्षों की ओर से पेश होने वाले वकील इसको टालने की मांग नहीं करेंगे.

इसके अलावा, कोर्ट ने ये भी साफ किया कि कंसोर्शियम योजना को खत्म नहीं करेगा न ही कोई थर्ड पार्टी राइट्स बनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अभी मामले की योग्यता पर टिप्पणी नहीं कर रही है और अदालत के आदेश के माध्यम से किसी भी इक्विटी का दावा नहीं किया जाएगा.

कोस्टल एनर्जंन (CEPL) तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्थित 1,200 मेगावाट के थर्मल पावर प्‍लांट ऑपरेट करती है. मौजूदा समय में ये प्‍लांट लॉन्‍ग टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत स्‍टेट डिस्‍ट्रीब्‍यूशन कंपनी TANGEDCO को 558 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करती है.

आपको बता दें कि रिजॉल्‍यूशन प्‍लान में फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को कैश में 3,330.88 करोड़ रुपये और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को 4.64 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट शामिल है. अदाणी पावर के पास कंसोर्टियम में 49% हिस्सेदारी है.

क्या है मामला

अगस्त में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कर्ज में डूबी कोस्टल एनर्जी के लिए अदाणी पावर के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी. इसका मतलब ये हुआ कि तमिलनाडु के थूथुकुडी में कोस्टल एनर्जी की 1200 MW परियोजना के लिए कंसोर्शियम की योजना को हरी झंडी मिल गई थी. 132 पन्नों के फैसले में NCLT ने तमाम सोच-विचार के बाद कंसोर्शियम की 3,333 करोड़ रुपये के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी.

जब ये मामला NCLAT में गया तो सुनवाई के पहले दिन ही NCLAT ने इस योजना पर रोक लगा दी. इस अंतरिम आदेश से अधिग्रहण की प्रक्रिया रुक गई, जिससे प्रोजेक्ट के संचालन को अदाणी पावर के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम से तत्कालीन रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को सौंप दिया गया.

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