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भारत में Pepsi की राह पर Coca-Cola, इन 4 बिजनेस घरानों से कर सकती है बड़ी डील

कोका-कोला का पेप्सी के साथ मार्केट में 36 का आंकड़ा है, ये बात सबको पता है. दोनों अपने एडवरटाइजमेंट में भी अक्सर एक-दूसरे को नीचा दिखाने का काम करते हैं. लेकिन अब कोका-कोला इंडिया में अपने बिजनेस मॉडल को पेप्सी से कॉपी करने जा रही है. इसके लिए उसकी 4 बड़े बिजनेस घरानों से बातचीत भी चल रही है.

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कोका-कोला अभी भारत में खुद से ही अपने प्रोडक्ट्स की बॉटलिंग करती है. हालांकि इंडिया के कुछ रीजनल मार्केट में उसने इस काम को आउटसोर्स किया है, लेकिन ओवरऑल उसकी सब्सिडियरी हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस (HCCB) ही इस काम को करती है, जिसकी वैल्यू को अब कंपनी अनलॉक करना चाहती है.

क्या है कोका-कोला का फुल प्लान?

कोका-कोला, अपनी सब्सिडियरी एचसीसीबी का आईपीओ लाना चाहती है. इसमें वह बहुत मामूली स्टेक बेचकर शुरुआत करेगी, धीरे-धीरे शेयर बाजार के नियमों के हिसाब से इसे न्यूनतम 25 प्रतिशत पब्लिक शेयर होल्डिंग तक ले ही जाना होगा.

इससे ठीक पहले कंपनी एससीसीबी की वैल्यू को अनलॉक करना चाहती है, इसलिए वह भारत के 4 बड़े बिजनेस घरानों के साथ बातचीत कर रही है, जहां वह चाहती है कि करीब 1 बिलियन डॉलर (करीब 8300 करोड़ रुपए) का निवेश हासिल कर सके. इसे खबर की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बातचीत का कुछ आउटकम ही निकले, ऐसा जरूरी नहीं है, लेकिन बातचीत काफी एडवांस स्टेज में है, जो कई महीनों से चल रही है.

पेप्सी की राह पर चली कोका-कोला

कोका-कोला की सब्सिडियरी एचसीसीबी ने 1997 में अपना ऑपरेशन शुरू किया. अभी कंपनी 62 तरह के बेवरेजेस की बॉटलिंग करती है. इसकी देशभर में करीब 16 फैक्टरी हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का प्रॉफिट ही करीब 810 करोड़ रुपए का रहा है.

जनवरी 2024 में कंपनी ने अपने को एसेट लाइट करना शुरू किया, जिसके चलते बिहार, राजस्थान, पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में अपने बॉटलिंग बिजनेस को वहीं के स्थानीय इंडिपेंडेंट बॉटलर्स को बेच दिया. इस मामले में अब कोका-कोला भारत में पेप्सी की राहत पर चलने की कोशिश कर रही है.

पेप्सी ने भारत में बॉटलिंग का अपना पूरा कारोबार वरुण बेवरेजेस के हाथ में दे रखा है. कोका-कोला इसी मॉडल को कॉपी करना चाहती है. पेप्सी को इस मामले में मिली सफलता सबको पता है. वरुण बेवरेजेस की लिस्टिंग, इसके शेयर की वैल्यू में बढ़ोतरी ने इसके मालिक रवि जयपुरिया को आज भारत के चुनिंदा अरबपतियों में शामिल कराया है.

इन 4 बिजनेस घरानों से डील की बातचीत

कोका-कोला, बॉटलिंग ऑपरेशन के लिए एक लॉन्ग टर्म पार्टनर चाहती है. इसलिए वह स्ट्रेटजिक डील पर फोकस कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कंपनी जुबिलेंट फूड वर्क्स, डाबर ग्रुप, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज और एशियन पेंट्स के साथ बातचीत के एडवांस लेवल पर है. हालांकि इस बारे में पांचों ही कंपनियों ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है.

जुबिलेंट फूड वर्क्स, भारत की सबसे बड़ी रेस्टोरेंट चेन कंपनियों में से एक है. ये डोमिनोज, डंकिंस जैसी चेन को चलाती है. वहीं कई दक्षिण एशियाई देशों में भी इन ब्रांड का ऑपरेशन कंपनी के पास है. वहीं डाबर ग्रुप, पहले से एफएमसीजी सेक्टर में मजबूत पकड़ रखती है. जबकि पिडिलाइट इंडस्ट्रीज और एशियन पेंट्स की अपने सेगमेंट में मोनोपॉली है और उनके पास पूरे देश में एक बड़ा रिटेल नेटवर्क है.

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