भू-माफिया और अफसरों की साठगांठ? किसान ने किया आत्मदाह का प्रयास, पुलिस ने बचाया

इटावा/जसवंतनगर:  इटावा जिले के जसवंतनगर में भू-माफिया और कथित तौर पर भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों से त्रस्त एक किसान ने मंगलवार को अपनी ही ज़मीन पर अवैध कब्ज़े के विरोध में आत्मदाह का प्रयास किया.यह दिल दहला देने वाली घटना जसवंतनगर तहसील के मीरखपुर पुठिया गांव के पास नगला दत्ती में तब हुई, जब किसान महेश चंद्र ने अन्याय से तंग आकर अपने ऊपर डीज़ल छिड़क लिया। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तुरंत बचा लिया.

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महेश चंद्र, पुत्र प्रताप सिंह, निवासी नगला दत्ती, मीरखपुर, अपनी भूमि गाटा संख्या 309/2 के संक्रमणीय भूमिधर हैं। उनका आरोप है कि उनके खेत से सटी हुई गांव सभा की बंजर भूमि (गाटा संख्या 309/1 और 309 बंजर) पर कुछ भू-माफिया किस्म के प्रभावशाली लोग अवैध कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.महेश चंद्र का दावा है कि ये दबंग लोग केवल बंजर भूमि पर ही नहीं, बल्कि उनकी निजी ज़मीन गाटा संख्या 309/2 पर भी ज़बरदस्ती निर्माण करना चाहते हैं.

 

 

इसके लिए उन्होंने आवश्यक निर्माण सामग्री भी पहले से ही इकट्ठा कर ली है, जो उनकी मंशा को स्पष्ट करती है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे गंभीर और चिंताजनक बात यह है कि माननीय उच्च न्यायालय ने पहले ही 28 /8/08 तारीख को इन सभी संबंधित ज़मीन नंबरों पर “यथास्थिति” बनाए रखने का स्पष्ट आदेश दिया था.यह आदेश खतौनी में भी विधिवत दर्ज है, जो दर्शाता है कि अधिकारियों और विपक्षीगणों को इसकी पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद, महेश चंद्र का आरोप है कि विपक्षीगण खुले तौर पर न्यायालय के इस आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं, और प्रशासन इस पर मूकदर्शक बना हुआ है.

 

जब राजस्व विभाग के अधिकारी, लेखपाल मुनीश यादव और कानूनगो इंद्रपाल सिंह, नाप-तौल के लिए मौके पर पहुंचे, तो महेश चंद्र के अनुसार, स्थिति और भी बिगड़ गई. उनका आरोप है कि इन अधिकारियों ने बिना किसी उचित और निष्पक्ष नाप-तौल के ही विपक्षीगणों को नींव खोदने का मौखिक आदेश दे दिया। इस अन्यायपूर्ण और पक्षपातपूर्ण फ़ैसले से महेश चंद्र पूरी तरह से टूट गए.

 

न्याय की उम्मीद टूटते देख, उन्होंने विरोध स्वरूप अपने ऊपर डीज़ल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। सौभाग्य से, चौकी प्रभारी आशीष कुमार और उनके साथ मौजूद सिपाही ने फुर्ती से कार्रवाई करते हुए उन्हें बचा लिया और एक बड़ी अनहोनी टल गई.

 

महेश चंद्र ने लेखपाल मुनीश यादव और कानूनगो इंद्रपाल सिंह पर पैसे लेकर विपक्षीगणों को अवैध कब्ज़ा दिलाने का सीधा और गंभीर आरोप लगाया है.पीड़ित के एक संबंधी, रघुवीर सिंह ने भी मीडिया को बताया कि विपक्षी लोगों ने इससे पहले भी उनकी दबंगई दिखाते हुए खेत में स्थापित हनुमान जी की एक मूर्ति को उखाड़कर फेंक दिया था। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि कानूनगो इंद्रपाल सिंह ने मौके पर बिना किसी सटीक नाप-तौल के ही विपक्षी को कब्ज़े की अनुमति दे दी थी, जिससे किसानों का विश्वास सरकारी तंत्र से उठ रहा है.

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