धमतरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्वर्ग धाम सेवा समिति को कौन नहीं जानता. यह समिति लगातार कई वर्षों से अनजान, लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रही है. वहीं अब इससे जुड़े सदस्यों ने रुद्री स्थित रुद्रेश्वर घाट में आज 690 लावारिस मृतकों की सद्गति के लिए सामूहिक तर्पण और पिंडदान कर रहे है. तर्पण कार्यक्रम रुद्रेश्वर धाम, रुद्री में सुबह 10 बजे शुरू होगा.इसके बाद वरिष्ठ चिकित्सक और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. रोशन उपाध्याय पितृ तर्पण के महत्व पर विशेष व्याख्यान देंगे.
शहर में स्वर्गधाम सेवा समिति एक ऐसी संस्था है, जो लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर उनके लिए सालाना पिंडदान की परंपरा को जीवित रखे हुए है. यह सामूहिक तर्पण आयोजन बीते 21 वर्षों से लगातार जारी है.अब तक इस संस्था ने सड़ी-गली और क्षत-विक्षत शवों से लेकर मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार किया है.
इस बार 21 सितंबर को रुद्री स्थित रुद्रेश्वर घाट पर विशेष तर्पण पूजा के बाद महानदी में 690 मृतकों का पिंडदान किया जाएगा. फिर समाजसेवी गौ सेवक रूपेश राजपूत, मनीष फूटान, विजयंत रणसिंह, देवेन्द्र फूटान, नीरज पांडे, पीयूष पारख, पुष्पेंद्र वाजपेयी, काजल जैन, सिमरन कौर, भारतेषु मिश्रा, प्रकाश आहवानी और शिवा प्रधान का सम्मान किया जाएगा.कार्यक्रम के समापन पर दोपहर 1 बजे शांति भोज का आयोजन होगा.
जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत…
स्वर्ग धाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने बताया कि धमतरी जिला अस्पताल के गेट में एक महिला की लाश पड़ी थी. आसपास लोगों से पूछा तो पता चला कि इस लाश का कोई वारिश नहीं है. इसलिए इसका अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. यह देख मन विचलित हो गया. ऐस में 2004 में फिर स्वर्ग धाम सेवा समिति की स्थापना कर अनजान लाशों की अंतिम संस्कार किया जा रहा है. उनके मुताबिक, स्वर्ग धाम सेवा समिति हर साल पितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी मृत आत्माओं का सामूहिक तर्पण रुद्रेश्वर घाट में करती है. इसके अलावा जिले के काफी सारे लोग इस कार्यक्रम में पहुंचकर लावारिस लाशों का सामूहिक तर्पण और पिंडदान करते हैं.
कोविड काल मे एक साथ 44 अस्थियों का किया तर्पण…
स्वर्गधाम सेवा समिति के महासचिव अशोक पवार ने बताया उनकी संस्था पिछले 21 वर्षों से हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अनजान शवों का अंतिम संस्कार कर रही है. अब तक उनकी संस्था ने 690 शवों का अंतिम संस्कार किए है. उन्होंने बताया कि कोविड काल के दौरान भिलाई के शांतिधाम घाट पर 44 अस्थियों को उनके परिजन लेने नहीं आए। ऐसे में राज्यपाल की विशेष अनुमति पर स्वर्गधाम सेवा समिति ने इन सभी अस्थियों का विधिपूर्वक विसर्जन किया और उनका तर्पण भी कराया.