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संभल पुलिस के ‘गोली चलाओ-गोली चलाओ’ वाले वीडियो पर कमिश्नर की सफाई, डराने को कहा था मारने को नहीं

संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पुलिस फायरिंग करती हुई दिखाई दे रही थी. इसमें पुलिस अधिकारी अपने साथियों से कह रहे थे- गोली चलाओ-गोली चलाओ. इस वीडियो पर मुरादाबाद रेंज के कमिश्नर आंजनेय कुमार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमने भीड़ को डराने के लिए ऐसा कहा था, उन्हें गोली मारने के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि हम समाज विरोधी लोगों को चिन्हित कर रहे हैं और साजिश में जो भी लोग शामिल थे, उनको बेनकाब करेंगे.

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कमिश्नर ने कहा, “एक वीडियो में कहा जा रहा है कि पुलिस ने गोली चलाने के लिए कहा था. लोगों को समझना पड़ेगा कई बार पुलिस लोगों को डराने के लिए ऐसा कहती है. शोर किया गया था कि गोली चलाओ-गोली चलाओ ताकि भीड़ डर जाए. पुलिस गोली मारने के लिए नहीं कह रही थी. प्रशासन का उद्देश्य नहीं रहता कि किसी की जान जाए. अगर सर्वे हो रहा था तो फिर किसी को सिर्फ सर्वे में क्या आपत्ति है.”

सांसद पर क्यों दर्ज हुई FIR? कमिश्नर ने बताया

वहीं हिंसा को लेकर संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को लेकर कमिश्नर ने कहा कि इन पर जो मामला दर्ज हुआ है वो 19 तारीख को जुम्मे के दिन उनकी जो गतिविधि थी, उसके हिसाब से दर्ज किया गया है. लोगों से पूछताछ के बाद सांसद पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि हम साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित करेंगे कि इन गतिविधि में इन लोगों की संलिप्तता रही है.

संभल हिंसा की होगी मजिस्ट्रियल जांच

बीते रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में एक ओर मजिस्ट्रियल जांच का आदेश हो गया है तो दूसरी ओर पुलिस का एक्शन जारी है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने पत्थरबाजी करने वाले 100 लोगों की पहचान की है और इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने हिंसा मामले में कुल 12 FIR दर्ज की हैं. गिरफ्तार लोगों में 14 साल की उम्र से लेकर 72 साल के आरोपी शामिल हैं, जिन पर गंभीर धाराओं में आरोप लगाए गए हैं. वहीं एक एफआईआर में पुलिस ने सांसद जियाउर्ररहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है.

पुलिस ने जारी की उपद्रवियों की तस्वीरें

हिंसा में शामिल उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से उनकी फोटो निकाली हैं. अब उन पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे. साथ ही उनसे नुकसान की वसूली भी की जाएगी. जो उपद्रवी पकड़ में नहीं आएंगे, उनके ऊपर इनाम भी घोषित हो किया जा सकता है.

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