सूरत डायमंड बुर्स ने कल भारत डायमंड बुर्स बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक बैठक आयोजित की. जिसमें मुंबई के व्यापारियों से सूरत आने और व्यापार शुरू करने की अपील की गई. इतना ही नहीं मीटिंग में मुंबई के कई व्यापारी शामिल हुए. पूरा हॉल भरा हुआ था और बैठने की जगह नहीं थी. इसलिए कई बिजनेसमैन खड़े होकर ही मीटिंग में शामिल हुए, जबकि कुछ व्यापारी हॉल के बाहर खड़े रहे.
व्यापारी बंधुओं को संबोधित करते हुए गोविंद ढोलिकाया ने कहा कि हमने मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय भवन सूरत डायमंड बुर्स बनाया है. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक परियोजना में हम सभी भागीदार हैं. अनेक कठिनाइयों एवं बाधाओं के बावजूद हम अपने दृढ़ निश्चय एवं आपसी विश्वास के कारण इस महत्वाकांक्षी कार्य को पूरा करने में सफल रहे हैं. हमें यहां से बिजनेस शुरु करना होगा. ऐसा प्रतीत होता है कि लोग एक दूसरे का इंतजार कर रहे हैं. इसलिए समिति ने निर्णय लिया है कि हम हर बाजार में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि हमें एसडीबी में एक साथ व्यापार शुरू करना चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया है कि धर्मनंदन डायमंड्स और एसआरके के कार्यालय 7 जुलाई से शुरू हो जायेंगे. इसके साथ ही 500 से अधिक अन्य सदस्यों ने भी 7 जुलाई से अपने कार्यालय खोलने की तैयारी दिखाई है.
सूरत डायमंड बर्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. लेकिन वहां कार्यालय लेने के बाद व्यापारी काम नहीं कर रहे थे. किरण जेम्स के वल्लभ लखानी, जिन्होंने यहा व्यापार शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी, वह वापस मुंबई चले गए और अब सूरत के व्यापारियों के मन में भी यही सवाल उठ रहा है की डायमंड बूट्स शुरू होगा कि नहीं. इसी वजह से अब डायमंड बुर्ज को शुरू करने के लिए बैठकों का दौर बढ़ाए जा रहे हैं.
बैठक में एसडीबी के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स (एसआरके) के गोविंद ढोलकिया, SDB के वाइस चेयरमैन धर्मनंदन डायमंड्स लालजी पटेल, SDB के अरविंद शाह (धनेरा) और अन्य समिति के सदस्य उपस्थित थे. भारत डायमंड बुर्स की ओर से चेयरमैन अनुप मेहता, समिति सदस्य किरीट भंसाली और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.