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विसर्जन झांकी की अनुमति के लिए कलेक्टोरेट में बैठे समिति सदस्य, नहीं मिली अनुमति तो मूर्तियां लाएंगे कलेक्टोरेट 

Chattisgarh: बालोद जिले के डीजे संचालक एवं गणेश पंडाल समिति के लोग आज अचानक कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्य द्वार के सामने ही जमीन पर बैठ गए…

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दरअसल डीजे संचालकों और गणेश विसर्जन करने वाले समितियां का कहना है कि प्रत्येक वर्ष जैसे शहर में विसर्जन झांकी निकलती है इस तरह झांकी निकालने की अनुमति इस वर्ष भी दी जाए.

आपको बता दें कि प्रशासन द्वारा अब तक झांकी निकालने या डीजे बजाने को लेकर किसी तरह का स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है आज बालोद सहित दल्ली राजहरा और अन्य शहरों के समिति संचालक भी यहां पहुंचे हुए थे उनका कहना है कि जिस सनातन को लेकर सरकार यहां पर सत्ता में आई है वह सनातियों के साथ अपमान कर रही है सनातियों को यहां पर सड़क में खड़ा होना पड़ रहा है.

 

सभी गणेश पंडाल समिति के संचालकों ने बताया कि राजनांदगांव में अनुमति मिल गई है भव्य गणेश विसर्जन झांकी निकाली जा चुकी है रायपुर में भी विसर्जन झांकी निकालने की तैयारी है आखिर बालोद वाले गणेश पंडाल संचालकों को क्यों यहां पर आधार में रखा गया है अभी तक स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है जिसके कारण हम यहां पर अपनी मांगों को लेकर पहुंचे हुए हैं आपको बता दें कि थाना प्रभारी और एसडीएम ने उन्हें जैसे तैसे संभाला और 4:00 बजे तक इंतजार करने की बात कही दरअसल कलेक्टर ने 4:00 बजे उनसे मिलने के लिए समय दिया हुआ है जिसके बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

 

कलेक्टोरेट में लाएंगे गणपति

वैभव शर्मा ने बताया कि यदि प्रशासन द्वारा कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जाता है तो हम डीजे सहित गणेश को यही लाकर छोड़ देंगे उसके बाद प्रशासन उसको विसर्जन करेगी वही राजहरा से पहुंचे विशाल मोटवानी ने कहा कि हम सब चंदा करके मीना से तैयारी करके गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं उसके बाद धूमधाम से विसर्जन की उम्मीद लगाए रखते हैं परंतु इस बार प्रशासन ने कोई यहां पर निर्णय नहीं लिया है उन्होंने कहा कि यहां तो भारतीय जनता पार्टी सनातन के नाम पर सरकार में आई है और हम सब सनातियों को यहां पर विसर्जन के लिए सड़क पर खाना खड़ा होना पड़ रहा है.

 

कर्ज लेकर बजा रहे डीजे

समिति संचालकों में कमल बजाज,राहुल साहू ने बताया कि कई डीजे वाले जो लाखों रुपए का कर्ज लेकर डीजे खरीद कर लाते हैं उन्हें यदि बजाने की अनुमति न दी जाए तो वह अपना रोजी-रोटी कैसे चलाएंगे साथ ही उन्होंने कहा कि गणेश समिति के संचालकों द्वारा खून डीजे और धूमल वालों को पहले ही एडवांस दिया जा चुका है 150000 रुपए पहले से दिया जा चुका है आखिर वह पैसा अब वसूल कैसे होगा उन्होंने कहा कि यदि विसर्जन झांकी और भाव डीजे धुमाल बजाने की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी जाती है तो प्रशासन से ही हम उसे डूबते हुए रकम की वापसी की मांग करेंगे.

 

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