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अर्धनग्न होकर धरने पर बैठे कांग्रेस पार्षद, बड़े मुद्दों पर जताया विरोध

नगर निगम में मेयर इन काउंसिल की बैठक के दौरान सोमवार को अजीबो-गरीब िस्थति निर्मित हो गई। जिस हाल में महापौर, आयुक्त सहित सदस्यों की बैठक चल रही थी, उसी के दरवाजे पर कांग्रेस के ही एक पार्षद ने शहर के ज्वलंत मुद्दे एजेंडे में नहीं लाने का आरोप लगाते हुए शर्ट उतारकर धरने पर बैठ गया।

पार्षद का आरोप था कि निगम में मनमानी चल रही है। नाले-नालियों एवं विकास कार्यों से संबंधित एजेंडा लाने के बजाय संविदा नियुक्ति और संविदा अवधि बढ़ाने पर चर्चा की जाती है। जबकि, शहर में कई सालों से जल भराव की िस्थति का सामना करना पड़ता है।

हालांकि इस दौरान बैठक चलती रही। 19 एजेंडों को लेकर करीब दो घंटे तक चली एमआईसी बैठक में निगम के 62 अधिकारियों, कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति व्यय का भुगतान करने के लिए 54 लाख 16 हजार 087 रुपए की स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही निराश्रित पेंशन के 259, परिवार सहायता पेंशन के 54 नए पात्र हितग्राहियों के प्रकरणों को मंजूरी दी गई।

एजेंडे के अंतिरिक्त नाले-नालियों की सघन सफाई और चर्चित ट्रेजर आईलैंड के 18 करोड़ के प्रापर्टी टैक्स की जगह ढाई करोड़ और सिटी सेंटर मॉल के 17 करोड़ के प्रापर्टी टैक्स के मुद्दे पर सदस्यों ने चर्चा की। इस दौरान मामला कोर्ट में चलने का भी सामने आया। बैठक में महापौर एजाज ढेबर, निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा, एमआईसी सदस्य ज्ञानेश शर्मा, श्रीकुमार मेनन, सुन्दर लाल जोगी, द्रौपती हेमंत पटेल, अंजनी राधेश्याम विभार, सहदेव व्यवहार, रितेश त्रिपाठी, आकाश तिवारी, जितेन्द्र अग्रवाल, सुरेश चन्नावार सहित अधिकारी मौजूद थे।

नगर निगम में कांग्रेस महापौर परिषद है। इसके बावजूद वार्ड 36 के कांग्रेस पार्षद अनवर हुसैन द्वारा एमआईसी बैठक के दौरान अर्धनग्न प्रदर्शन करने की चर्चा गर्म रही। कांग्रेस पार्षद अनवर हुसैन ने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल जयस्तंभ, लालगंगा और सहकारी बैंक तक पानी भरता है।

निकासी के लिए उन्होंने पौने दो करोड़ का एस्टीमेंट तैयार करवाया था। परंतु बीच में बिना किसी चर्चा के जोन 2 और जोन-4 के एस्टीमेट को मर्ज कर टेंडर जोन 4 से जारी कराया। वे लगातार ड्राइंग-डिजाइन देखने के लिए मांग रहे हैं, परंतु उसे दिखाया नहीं जाता है। जोन 9 में जोन कमिश्नर संतोष पांडेय की संविदा अवधि बढ़ाने पर एमआईसी में चर्चा की जाती है। जबकि इन्हीं के द्वारा ट्रेजर आईलैंड का प्रापर्टी टैक्स जो 18 करोड़ था, उसे मात्र ढाई करोड़ में सेटलमेट किया गया।

 

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