पहलगाम हमले को लेकर नेताओं के बयान पर विरोध के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं को निर्देश जारी किया है. पार्टी ने नेताओं से कहा है कि वे इस मुद्दे पर पार्टी लाइन से परे बयान देने से बचें. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी नेताओं के बयान से नाराज हैं.
कांग्रेस आलाकमान ने इस संदर्भ में जल्द ही एक आधिकारिक बयान जारी करने का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक, सभी नेताओं को पहलगाम के मुद्दे पर पार्टी के रुख के मुतापबिक चलने के निर्देश दिए गए हैं.
पार्टी हाई कमान की तरफ से यह फैसला पार्टी की एकता और संगठनात्मक अनुशासन को बनाए रखने के लिए लिया गया है. इसके साथ ही, पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो नेता पार्टी लाइन से भटकेंगे, उन्हें सख्त परिणाम भुगतने होंगे.
बीजेपी ने विपक्षी नेताओं के बयान की आलोचना की
पहलगाम हमले के संबंध में कुछ विपक्षी नेताओं के बयानों की बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने आलोचना की थी. रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “… कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए बयानों का उद्देश्य क्या है?… पाकिस्तान टीवी पर कांग्रेस नेताओं के बयान चला रहा है… कर्नाटक के मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों को गोली मारने से पहले उनका धर्म नहीं पूछा… यह शर्मनाक है…”
रवि शंकर प्रसाद ने आलोचना करते हुए कहा, “कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहते हैं कि आतंकवादियों के पास लोगों को मारने से पहले उनका धर्म पूछने का समय नहीं था… मृतकों के परिवार रो रहे हैं और तथ्य बता रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता ऐसे बेशर्मी वाले बयान दे रहे हैं जो असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है…”
सुधांशु त्रिवेदी ने भी किया विपक्षी नेताओं के बयान की आलोचना
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्षी नेताओं के बयानों पर कहा, “दुर्भाग्य और दुख की बात है, मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के कुछ नेता वही शब्द दोहरा रहे हैं जो पाकिस्तानी मंत्री कह रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि युद्ध कोई विकल्प नहीं होना चाहिए. ये वही शब्द हैं जो पाकिस्तान के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री कह रहे हैं.”
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कांग्रेस नेता जो कह रहे हैं और पाकिस्तानी जो कह रहे हैं, उसमें इतनी समानता क्यों है? अचानक, सिद्धारमैया और ये कांग्रेस नेता पाकिस्तानी मीडिया के प्रिय बन गए हैं. इससे पता चलता है कि जो कुछ वे अभी दो दिन पहले कह रहे थे कि वे इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं, उनका मुखौटा पूरी तरह से उतर चुका है। अब उनका असली चेहरा लोगों के सामने है.”