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टीपू-निजाम के सपनों को सच कर रही कांग्रेस… किस फैसले पर BJP हमलावर?

कर्नाटक सरकार के उस आदेश पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि आंगनवाड़ी शिक्षकों के पद के लिए ऊर्दू जानना अनिवार्य होगा. सरकार के इस आदेश का भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया है. बीजेपी ने इसे कर्नाटक का निजामीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए ऐसे फैसला ले रही है.

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सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सीटी रवि का कहा, ‘निजाम ने हैदराबाद, कर्नाटक क्षेत्र में ऊर्दू को बढ़ावा देने का प्रयास किया था . उनके समय में कन्नड़ स्कूलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. निजाम तो देश छोड़ कर भाग गया, लेकिन उनकी आत्मा अब कांग्रेस के भीतर बसती है. कांग्रेस अब निजाम का काम करती है . टीपू सुल्तान ने भी कन्नड़ के खिलाफ फारसी भाषा थोपने का प्रयास किया था. आज कांग्रेस टीपू और निजाम के सपनों को हकीकत में बदलने की कोशिश कर रही है. यह लोग कन्नड़ विरोधी लोग है.

कर्नाटका के राजनीति में कन्नड़ भाषा और कन्नड़ अस्मिता का मुद्दा हमेशा छाया रहता है . राज्य में भाषा का मुद्दा हमेशा संवेदनशील रहा है. कुछ दिन पहले ही राज्य में कन्नड़ भाषा के साइन बोर्ड को लेकर बवाल हुआ था. सरकार के इस फैसले से राज्य में एकबार फिर भाषा का मुद्दा गरमा सकता है.

 

क्या आदेश था

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने एक हालिया आदेश में मुदिगेरे और चिक्कमगलुरु जिलों में आंगनवाड़ी शिक्षकों के पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए उर्दू को एक अनिवार्य भाषा कर दिया है. यह आदेश महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने जारी किया है. इस फैसले के खिलाफ सरकार की म शिक्षा विभाग ने भी चिंता जताते हुए उप निदेशक को पत्र लिखा है.

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