रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट के विस्तार को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई है. इस बीच दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री साय ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि समय मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. मुख्यमंत्री के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने साय कैबिनेट को लेकर चिंता प्रकट की.
बघेल ने कहा कि विधानसभा का सत्र आहुत किया जा चुका है, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. ऐसे में संसदीय कार्यमंत्री का होना विधानसभा में आवश्यक हो जाता है. हालांकि मंत्रिमंडल गठन करने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन अभी तक फ़ैसला नहीं हो पाया है.
इधर मुख्यमंत्री साय ने बताया कि नई दिल्ली में प्रवास के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश के साथ छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों की परिचयात्मक बैठक में शामिल हुआ.
इसमें प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू समेत अन्य सांसद उपस्थित रहे. नीट मामले में एक प्रश्न पर सीएम साय ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री इस मामले में लगातार जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली में हुई बैठक में संगठन के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही मंत्रिमंडल और निगम मंडल के विषय पर भी अनौपचारिक चर्चा हुई है. बतादें कि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद साय कैबिनेट में मंत्री के दो पद रिक्त हो गए हैं. इसके बाद से प्रदेश में कई विधायक मंत्री के लिए दावेदार हैं.
इनमें रायपुर से राजेश मूणत, कुरूद विधायक अजय चंद्राकर, बिलासपुर से अमर अग्रवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, बस्तर से लता उसेंडी का नाम चर्चा में है. इसी तरह नए चेहरे में रायपुर से पुरंदर मिश्रा, दुर्ग से गजेंद्र यादव, पंडरिया विधायक भावना बोहरा, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो का नाम शामिल है.
भूपेश ने गिनाई मंत्री नहीं होने का नुकसान
साय मंत्रिमंडल विस्तार में देर पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री के दो पद रिक्त हैं. निश्चित रूप से फैसला करने में विलंब हो रहा है, जिसका नुकसान छत्तीसगढ़ सरकार को भी हो रहा है. शिक्षा सत्र भी चल रहा है.संसदीय कार्य मंत्री दोनों ही पद रिक्त हैं, इन्हें भरा जाना चाहिए.