आई लव मोहम्मद के ट्रेंड में कांग्रेस भी कूद गई है. इस होड़ में कांग्रेस की एंट्री आई लव कॉन्स्टिट्यूशन के साथ हुई है. लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर इसके होर्डिंग्स लगे हैं. पोस्टर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं की तस्वीर है. कांग्रेस नेता अब्दुल्ला शेरखान ने पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाया है.
LOVE MOHAMMAD विवाद के बाद सोशल मीडिया पर इस तरह के कई ट्रेंड चलाए जा रहे हैं. इसके जवाब में I LOVE MAHADEV, I LOVE MAHAKAL, I LOVE RAM कैंपेन चले. उत्तराखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी इसके समर्थन में और विरोध में अभियान चलाए जा रहे हैं. 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ यह विवाद देश के कई राज्यों में पहुंच गया
UP से शुरू हुआ था विवाद…
दरअसल, कानपुर के रावतपुर में बारावफात के जुलूस के दौरान यह विवाद शुरू हुआ था. जुलूस के दौरान आई लव मोहम्मद का एक लाइट बोर्ड लगाया गया था, जिसे आमतौर पर ईद मिलाद-उन-नबी कहा जाता है, जो पैगंबर मुहम्मद के जन्म का प्रतीक है. इस पूरे विवाद पर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि I love mohammad…ये उनकी आस्था है, अपराध नहीं. यूपी के उन्नाव में ‘सर तन से जुदा के नारे लगाए गए.
महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों में भी आई लव मोहम्मद के नारे लगाए गए. इसको लेकर प्रदर्शन किया. गुजरात से भी कई तस्वीर सामने आई. वहां भी इसको लेकर नारे लगाए गए. इस पूरे मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि बैनर लगाकर उकसाने की कोशिश की गई. स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे ‘नई परंपरा’ बताकर आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि यह सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश है.