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‘जीत को हार में बदलना कांग्रेस को आता है’, हरियाणा की हार पर कांग्रेस को सहयोगी ने दिखाया आईना

उद्धव ठाकरे गुट ने हरियाणा में कांग्रेस की हार पर स्थानीय नेता भूपेंद्र हुड्डा और पार्टी लीडरशिप पर जमकर हमला बोला. उद्धव गुट ने सामना के संपादकीय में हरियाणा में कांग्रेस की हार को अति आत्मविश्वास का कारण बताया. साथ ही इशारों ही इशारों में महाराष्ट्र में हरियाणा वाली अकेले चुनाव लड़ने की गलती नहीं करने की हिदायत दी.

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सामना में लिखा गया है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी-कांग्रेस के लिए चौंकानेवाले हैं. हरियाणा में कांग्रेस की हार की वजह फाजिल आत्मविश्वास और स्थानीय नेताओं की नाफरमानी को माना जा रहा है. कोई भी मजबूती से नहीं कह रहा था कि हरियाणा में दोबारा बीजेपी की सरकार आएगी. कुल मिलाकर माहौल यह था कि कांग्रेस की जीत एकतरफा होगी, लेकिन जीत की पारी को हार में कैसे बदला जाए यह कांग्रेस से ही सीखा जा सकता है.

आंतरिक कलह मुफीद साबित हुई

उद्धव गुट ने कहा, ‘हरियाणा में बीजेपी विरोधी माहौल था. ऐसा माहौल था कि बीजेपी के मंत्रियों और उम्मीदवारों को हरियाणा के गांवों में घुसने नहीं दिया जा रहा था. फिर भी, हरियाणा के नतीजे कांग्रेस के खिलाफ गए. कांग्रेस के साथ ऐसा हमेशा होता है. पिछली दफा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में एक तरह का माहौल था कि बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी की आंतरिक अव्यवस्था बीजेपी के लिए मुफीद साबित हुई.’

उसने कहा, ‘सवाल खड़ा हो गया है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की नैया डुबो दी है. हुड्डा की भूमिका इस तरह थी कि जैसे कांग्रेस के सूत्रधार वही हैं और जिसे वह चाहें वही कंडीडेट होगा. कुमारी शैलजा जैसी पार्टी नेता को हुड्डा और उनके लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया और दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान हुड्डा को रोकने में विफल रहा.’

पहलवानों की नाराजगी का कांग्रेस को फायदा नहीं हुआ

उद्धव गुट ने कहा कि हरियाणा के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर जबरदस्त आंदोलन किया. हरियाणा की महिला पहलवानों से छेड़छाड़ पर बीजेपी ने और उसके प्रधानमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की. विनेश फोगाट और उनके साथियों को दिल्ली के जंतरमंतर रोड से घसीटते हुए पुलिस वैन में ठूंसा गया. इन सबका गुस्सा हरियाणा के लोगों में साफ दिख रहा था. बेशक, भले ही विनेश फोगाट खुद जीत गईं, लेकिन उनके साथ हुए अन्याय के कारण पूरे हरियाणा में पैदा हुए गुस्से और नाराजगी से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ.

उसने कहा कि हरियाणा में बीजेपी विरोधी लहर थी और कहा जा रहा था कि बीजेपी उस लहर में बह जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि कांग्रेस का संगठन अव्यवस्थित एवं कमजोर था. राजनीति और चुनाव में संगठन को जमीन पर होना जरूरी है. बीजेपी का संगठन मजबूत था और स्ट्रैटेजी अचूक साबित हुई. मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने सीधे तौर पर बीजेपी की मदद की. हरियाणा में भी केंद्रीय जांच एजेंसी हुड्डा के पीछे थी, फिर भी हुड्डा कांग्रेस के साथ बने रहे. वह हरियाणा में जाट समुदाय के बड़े नेता हैं, लेकिन वह अन्य समुदायों को कांग्रेस के साथ नहीं ला सके. यह जाटों और अन्य समुदायों के बीच मुकाबला था और बीजेपी जीत गई.

इंडिया गठबंधन के लिए तस्वीर अच्छी नहीं

उद्धव गुट ने कहा कि कल महाराष्ट्र में चुनाव होंगे. महाराष्ट्र की जनता हरियाणा की राह पर नहीं जाएगी और महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की जीत होगी. मराठी जनमत मोदी-शाह, फडणवीस-शिंदे के खिलाफ है. महाराष्ट्र की बाजी महाविकास गठबंधन जीतेगा, लेकिन राज्य में कांग्रेस नेताओं को हरियाणा के नतीजों से बहुत कुछ सीखना है. हरियाणा में कांग्रेस ने आप समेत कई घटकों को दूर रखा क्योंकि उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी नहीं चाहिए थी. इस खेल में पूरा राज्य ही हाथ से निकल गया. जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन की जीत हुई. हरियाणा में सिर्फ कांग्रेस पीछे हटी. इंडिया गठबंधन के लिए तस्वीर अच्छी नहीं, लेकिन ध्यान कौन देगा?

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