उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने भाजपा और कुछ मौलानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी और दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई करने के बजाय स्थिति और बिगाड़ सकती है। उदित राज ने यह भी कहा कि कई मौलाना भाजपा से जुड़े हुए हैं और उनका उद्देश्य देश में हिंदू-मुस्लिम विवाद को बनाए रखना है।
उदित राज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि “माहौल खराब करने वाले मौलाना की डेंटिंग पेंटिंग करना जरूरी था।” कांग्रेस नेता का कहना है कि इस तरह के बयान केवल स्थिति को और तनावपूर्ण बनाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बरेली की घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए।
उदित राज ने कहा कि जो दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता। उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘जय श्रीराम’ जैसे नारे उदाहरण के तौर पर दिए, यह बताते हुए कि इनमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उनके अनुसार, कुछ लोग ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर लेकर चल रहे हैं, लेकिन उन्हें सतर्क रहना चाहिए ताकि कोई गलत काम न हो।
कांग्रेस नेता ने विदेश नीति और खेल के मामले में केंद्र सरकार की दोहरी नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने एशिया कप के भारत-पाकिस्तान फाइनल मैच का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताने वाला देश अब भारत से मैच खेल रहा है, जो केंद्र सरकार के लिए दोहरे मानकों का उदाहरण है।
उदित राज ने बलरामपुर की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि योगी सरकार निर्दोष लोगों को भी पकड़ सकती है और हिंसा की घटनाओं में मिलीभगत संभव है। उनका कहना था कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह से इनकार करना गलत होगा।
इसके अलावा, उदित राज ने अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के समर्थकों के बीच चल रहे पोस्टर विवाद पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि भावना व्यक्त करना हर किसी का अधिकार है, लेकिन किसी भी तरह की अशांति पैदा नहीं होनी चाहिए।
उदित राज का यह बयान बरेली हिंसा और राज्य सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है और राजनीतिक बहस को तेज कर सकता है।