मध्यप्रदेश: मऊगंज में कांग्रेस ने सरकार और प्रशासन पर सीधा हल्ला बोल दिया है. किसानों की परेशानी हो, नल-जल घोटाला हो, बिजली बिल का भ्रष्टाचार हो या फिर पत्रकारों पर दर्ज फर्जी FIR हर मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है और चेतावनी साफ है कि अगर समस्याओं का निदान नहीं हुआ, तो 7 सितम्बर को मुख्यमंत्री का घेराव होगा और उसके बाद जेल भरो आंदोलन भी. मऊगंज कलेक्टर परिसर में कांग्रेस का गुस्सा फूट पड़ा. पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी ने जमकर नारेबाज़ी की और प्रदर्शन किया.
कांग्रेस ने किसानों और आमजन से जुड़े मुद्दों को लेकर एक-एक कर गंभीर आरोप लगाए. जिसमें किसानों को खाद-बीज की किल्लत, आवारा मवेशियों से फसल बर्बादी, सड़कों पर हादसों की रफ़्तार, नल-जल योजना में खुला भ्रष्टाचार, पाइप बिछे लेकिन पानी घरों तक नहीं पहुंचा. इतना ही नहीं खराब ट्रांसफार्मर, भारी-भरकम औसत बिजली बिल, पंचायत और नगर परिषदों में भ्रष्टाचार और राजस्व न्यायालय की रिश्वतखोरी तक मुद्दे उठे.
कांग्रेस ने कहा कि अति वर्षा से नुकसान झेल रहे किसानों को मुआवजा तक नहीं मिल पाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिले में अपराधियों का बोलबाला है. चोरी, लूट, बलात्कार और चैन स्नैचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासन मौन है. गडरा कांड की CBI जांच और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए स्पेशल सेल की मांग भी उठाई गई.
कांग्रेस का कहना है कि सच्चाई दिखाने वालों को प्रताड़ित करना लोकतंत्र की हत्या है. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, अगर पत्रकारों पर दर्ज फर्जी FIR वापस नहीं ली गई तो 7 सितम्बर को हम मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे और उसके बाद कांग्रेस जेल भरो आंदोलन छेड़ेगी. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे, ज्ञापन लिया लेकिन कांग्रेस की चेतावनी साफ है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री के मऊगंज आगमन पर कांग्रेस का बड़ा घेराव होगा.
पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने तो व्यंग्य करते हुए यहां तक कह दिया कि अगर समाधान नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री से मिलने नहीं, बल्कि बहुती प्रपात पिकनिक मनाने जाऊंगा और वहां से सीएम का घेराव करूंगा. अब देखना ये होगा कि प्रशासन कांग्रेस की इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है और 7 सितम्बर को मऊगंज में राजनीतिक टकराव किस रूप में सामने आता है.