मध्यप्रदेश: रीवा में आयोजित तथाकथित “न्याय सत्याग्रह” में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा का विवादित बयान अब जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस प्रदर्शन में जनता के मुद्दों की बजाय, विधायक ने अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को समाप्त कराने और पीड़ित अभिषेक तिवारी को जेल भेजने की मांग को प्राथमिकता दी.
अपने संबोधन में विधायक अभय मिश्रा ने रीवा के ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ एसपी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उन्हें “अर्धनारीश्वर” (आधा पुरुष, आधा नारी) कहा. यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी वह एसपी को “बलात्कारी” और “शराब कारोबार से 50 लाख मासिक कमाने वाला” तक कह चुके हैं.
इस अमर्यादित टिप्पणी पर भाजपा नेता दिवाकर द्विवेदी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- एक जनप्रतिनिधि द्वारा किसी अधिकारी पर बिना सबूत ऐसे अपमानजनक शब्द कहना दुर्भाग्यपूर्ण है. यदि इनके पास कोई प्रमाण है तो प्रस्तुत करें, अन्यथा इन पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.
जनता का मानना है कि यह यात्रा किसानों, युवाओं और आम जनता के मुद्दों से भटककर पूरी तरह से व्यक्तिगत स्वार्थ और दबाव बनाने का मंच बन गई. कांग्रेस ने बड़े-बड़े पोस्टर और प्रलोभनों के जरिए भीड़ तो जुटाई, लेकिन जनता के वास्तविक हित में कोई ठोस बात नहीं हुई.
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