कांग्रेस विधायकों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में किसानों के लिए खाद की कमी का आरोप लगाते हुए खाली बोरियों के साथ प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन तब हुआ जब पुलिस ने कांग्रेस विधायकों द्वारा शिवाजी नगर से विधानसभा परिसर तक ट्रैक्टर-ट्रॉली मार्च निकालने की कोशिश को विफल कर दिया.
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉली किसानों से जुड़ी हैं, लेकिन अधिकारियों ने कांग्रेस विधायकों को रोक दिया. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से कहा, “हमने किसानों को खाद उपलब्ध कराने में भाजपा सरकार की विफलता के विरोध में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर विधानसभा जाने का फैसला किया है.”
विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने सरकार और पुलिस को किसान विरोधी करार दिया. कटारे ने कहा, “जब किसानों ने खाद लेने की कोशिश की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया. वे आत्महत्या करने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें कृषि उपज पर एमएसपी नहीं मिल रहा है. यह सरकार पूंजीपतियों के साथ है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को खाद लेने के लिए रात में ठंड का सामना करते हुए कतारों में खड़ा होना पड़ता है. बाद में कांग्रेस विधायकों ने खाद की खाली बोरियां लेकर विधानसभा परिसर की ओर कूच किया. उन्होंने विधान भवन स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
सुरक्षाकर्मियों ने विधायकों को खाली बोरियां लेकर सदन में प्रवेश करने से रोक दिया. कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 12 साल से स्थिर है. उन्होंने आरोप लगाया, किसानों को खाद नहीं मिल रही है, बल्कि इसे कालाबाजारी में बेचा जा रहा है.