मध्य प्रदेश में जन्माष्टमी पर सियासी घमासान मचा हुआ है. प्रदेश में मोहन सरकार ने जन्माष्टमी को लेकर सरकारी आदेश जारी किए है. इसमें साफतौर पर लिखा गया है कि स्कूल और कॉलेजों को जन्माष्टमी महोत्सव मनाना होगा. इसके अलावा ग्रामीण पंचायतों से लेकर संस्कृति विभाग भी जन्माष्टमी मनाएगा. सरकार इस कार्यक्रम पर जमकर पैसा खर्च कर रही है. इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.
मध्य प्रदेश में इस कृष्ण जन्माष्टमी पर कांग्रेस बीजेपी आमने-सामने आ गई हैं. वैसे तो इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है, लेकिन इस बार राज्य की सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मंदिरों की साफ सफाई से लेकर स्कूल और कॉलेजों में भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी. संस्कृति विभाग भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम कर रहा है. ग्रामीण पंचायतों में भी कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. यानी इसका सारा खर्च सरकार देगी. इसी बात पर कांग्रेस नेता ने आपत्ति जाहिर की है.
कांग्रेस ने लगाया टैक्स बर्बादी का आरोप
कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार सिर्फ कृष्ण पर राजनीति चमका रही है. इसके लिए सरकार राज्य का पैसे की बर्बादी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इतनी गौशालाएं बनवाई है फिर भी गाय माता सड़कों पर घूम रही हैं. वहीं प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव सिंह ने कहा सरकार सिर्फ और सिर्फ जनता के टैक्स की बर्बादी कर रही है.
बीजेपी ने भी किया पलटवार
वहीं बीजेपी ने भी पलटवार कर करते हुए कांग्रेस पर जामकर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है ऐसे कार्यक्रमों से सरकार लोगों को कृष्ण के बारे में बता रही है. प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कृष्ण से हमारी संस्कृति है. बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए हम कृष्ण उत्सव मना रहे है. कांग्रेस तो सनातन विरोधी है ही. वो पहले राम का विरोध करती थी अब कृष्ण का कर रही है. वहीं एक और बीजेपी नेता ने कहा कि जब भी राम-कृष्ण का नाम आता है तब-तब कांग्रेस को दिक्कत होती है.