जम्मू-कश्मीर में आज उमर अब्दुल्ला कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह है, जिसमें 10 कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है. इस आयोजन में कांग्रेस सहित INDIA ब्लॉक के कई दिग्गज शामिल होने वाले हैं. लेकिन आयोजन से पहले ही इस समारोह के रंग में भंग पड़ता दिखाई दे रहा है.
दरअसल, पहले कहा जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के चीफ तारिक हमीद कर्रा भी इस कैबिनेट में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आज उनकी पार्टी का कोई भी विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा और पार्टी बाहर से समर्थन करने पर भी विचार कर रही है.
जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रभारी भरत सिंह सोलंकी का कहना है कि फिलहाल नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है. चर्चा पूरी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. बात पूरी न हो पाने के कारण आज कोई भी कांग्रेस विधायक शपथ नहीं लेगा. इस बात को लेकर भी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहेगी या फिर उसे बाहर से समर्थन करेगी.
कांग्रेस के इस बयान से सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और माना जा रहा था कि कांग्रेस भी इस सरकार का हिस्सा रहेगी. लेकिन आज शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि कांग्रेस विधायक के शपथ न लेने का सीधा मतलब है कि फिलहाल कैबिनेट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल नहीं हो सकी है और कांग्रेस के पास बाहर से समर्थन देने का विकल्प भी है ताकि किसी तरह का दबाव भी न रहे.
NC-कांग्रेस गठबंधन को 48 सीटें
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की. 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 और कांग्रेस ने 6 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, बीजेपी 29 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही. महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी.
ये है जम्मू-कश्मीर का नंबर गेम
जम्मू कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव हुए थे और उपराज्यपाल की ओर से पांच विधायकों के मनोनयन को भी जोड़ लें तो सदन की स्ट्रेंथ 95 पहुंचती है. 10 फीसदी वाली कैप भी है, ऐसे में मंत्रिमंडल में सदस्यों की कुल संख्या 9.5 यानि अधिकतम 10 ही हो सकती है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल रही कांग्रेस के छह, सीपीएम के एक विधायक हैं. चुनाव पूर्व गठबंधन से ही 49 विधायक हैं और अब पांच निर्दलीय विधायकों ने भी उमर सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया है. आम आदमी पार्टी भी गिव एंड टेक के फॉर्मूले पर समर्थन ऑफर कर चुकी है.