डीडवाना- कुचामन: जिले के नावांशहर में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब कांग्रेस नेता रामनिवास पोषक के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के काफिले को बीच सड़क पर रोक दिया. जैसे ही मंत्री की गाड़ी वहां पहुंची, पोषक के साथ समर्थकों ने अचानक सड़क घेर ली और मंत्री की गाड़ी के आगे आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. मौके पर अफरातफरी मच गई और पुलिस बल हरकत में आ गया.
रामनिवास पोषक ने मौके पर ही सरकार को सीधी चेतावनी दी — “नवजात की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि सरकार की नाकामी का नतीजा है. जब तक दोषी ठेकेदार और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती और सड़कों की हालत सुधारी नहीं जाती, तब तक कांग्रेस कार्यकर्ता चैन से नहीं बैठेंगे। जरूरत पड़ी तो हम नावां से जयपुर तक आंदोलन की चिंगारी फैला देंगे.”
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नावां-खाखड़की मार्ग सहित कई सड़कों की हालत बेहद खराब है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही. उनका कहना था कि सड़क की खस्ताहाल स्थिति के कारण एंबुलेंस समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाई और रास्ते में ही नवजात की डिलीवरी हो गई, जिसमें बच्चे की मौत हो गई. इस घटना ने ग्रामीणों में गहरा आक्रोश भर दिया है.
अचानक मंत्री का काफिला रुकवाने से पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर भीड़ को हटाने की कोशिश की गई, लेकिन नारेबाजी और विरोध लंबे समय तक जारी रहा। मंत्री की गाड़ी को सुरक्षा घेरे में निकालकर आगे बढ़ाया गया.
गौरतलब है कि नावां के एसडीएम कार्यालय के बाहर पिछले चार दिनों से ग्रामीण धरना दे रहे हैं. उनकी प्रमुख मांग है कि घटिया सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, मृत नवजात के परिजनों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए और जर्जर सड़कों का त्वरित पुनर्निर्माण किया जाए. इस आंदोलन को स्थानीय नेताओं और राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे प्रशासन पर दबाव और बढ़ गया है.