कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को इंडिया गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा बनाया जाता है, तो कांग्रेस को इसमें कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने इसे औपचारिक रूप से घोषित करने से परहेज किया।
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में खेड़ा ने कहा कि पार्टी चुनाव मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और मुख्यमंत्री चेहरे पर विवाद की जरूरत नहीं है। उन्होंने काव्यात्मक अंदाज में कहा, “जब आसमान में सूरज चमक रहा हो, तो उसकी घोषणा की आवश्यकता नहीं होती।” यह बयान 2020 के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आया, जब कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था।
इसके अलावा, पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि बिहार में CWC की बैठक का आयोजन कांग्रेस अपने सहयोगियों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत कर रही है। खेड़ा ने इसे सही नहीं ठहराया और कहा कि “भाइयों के बीच ताकत दिखाने जैसी कोई बात नहीं होती।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीट बंटवारे और चुनाव रणनीति की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
खेड़ा ने बिहार में इंडिया गठबंधन के घटक दलों का भी जिक्र किया। इसमें राजद के अलावा भाकपा (माले) लिबरेशन, भाकपा (माले), भाकपा और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। जब पत्रकारों ने सवाल किया कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब बिहार में CWC की बैठक हो रही है, तो खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि पहली बार वोट चोरी भी हुई है। उन्होंने BJP पर आरोप लगाया कि सत्ता में बने रहने के पीछे उनका भरोसा केवल वोट चोरी पर आधारित है और यह बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं के प्रति लापरवाही का कारण बनता है।
खेड़ा ने जोर देकर कहा कि सीडब्ल्यूसी की यह बैठक बिहार के चुनावों की दृष्टि से नहीं बल्कि लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस गठबंधन के सहयोगियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर काम कर रही है और जल्द ही सभी आवश्यक घोषणाएं होंगी।
बिहार में महागठबंधन और कांग्रेस के बीच तालमेल को लेकर यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री चेहरे और सीट बंटवारे की रणनीति अब राज्य में आगामी चुनाव की दिशा तय करेगी।