केंद्र सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, प्रधानमंत्री का पुतला दहन

प्रदेशभर की तरह शुक्रवार को कुचामन सिटी में भी केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों और विपक्ष के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया. नगर कांग्रेस कमेटी और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कुचामन एवं नावां के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रदर्शन स्थानीय बीएसएनएल कार्यालय के सामने किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराया.

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तानाशाही रवैये का पुरजोर विरोध
कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से प्रताड़ित किया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ और तानाशाहीपूर्ण रवैया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आदेश और पूर्व उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के निर्देश पर आयोजित इस प्रदर्शन में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

 

धरने को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा…
नावां विधानसभा प्रभारी देवेंद्र सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, “हम सरकार की दमनकारी नीतियों का संसद से लेकर सड़क तक विरोध करेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंत तक संघर्षरत रहेंगे.”

ब्लॉक अध्यक्ष भंवर अली खान ने कहा, “केंद्र सरकार की तानाशाही नीतियों से कांग्रेस डरने वाली नहीं है. हम इनका डटकर मुकाबला करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य जन समस्याओं से ध्यान भटकाना है और विपक्ष को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

 

नेताओं ने रखे विचार, कांग्रेस की एकता का दिखा प्रदर्शन

इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष भंवर अली खान, नावां नगर अध्यक्ष एवं ब्लॉक अध्यक्ष उदय सिंह खारिया, जिला उपाध्यक्ष माधव प्रसाद धूत, नगर परिषद उपसभापति हेमराज चावला, महिला कांग्रेस महासचिव मृदुला कोठारी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परसराम बुगालिया, दुर्गाराम चौधरी, मुन्ना राम महला, शौकत खान, सतीश परेवा, अशोक सैनी, पूर्व सरपंच कानाराम कूमावत, पार्षद फारूक टांक समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे. नगर अध्यक्ष सुतेंद्र सारस्वत,नावां ब्लॉक अध्यक उदय सिंह खारिया, परसाराम बंगलिया ने भी सभा को संबोधित किया और कार्यकर्ताओं में जोश भरा.

विरोध की मुखर आवाज बनी कांग्रेस
धरना प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को यह संदेश देने का प्रयास किया कि लोकतंत्र में विरोध की आवाज को दबाया नहीं जा सकता. कार्यकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अंतिम सांस तक जनता के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे.

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