महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद महायुति में सीटों पर मंथन तेज हो गया है. माना जा रहा है कि ये विचार विमर्श आखिरी दौर में है. बीती रात सीटों के बंटवारे को फाइनल रूप देने के लिए दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने अहम बैठक की है. यह बैठक करीब ढाई घंटे चली है.
इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक, महायुति के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर 260 सीटों पर सहमति बन गई है. 28 सीटों पर बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच दावे-प्रतिदावे का मामला चल रहा है.
260 सीटों पर बनी सहमति
260 में से बीजेपी के लिए 142 सीटें तय हो गई हैं. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना के लिए 66 सीटें तय हो गई हैं और अजित पवार की एनसीपी के लिए 52 सीटें तय की जा चुकी है. बची हुई 28 सीटों पर दावे-प्रतिदावे का मामला चल रहा है. राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं.
बीजेपी चाहती है कि वह कम से कम 160 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़े, वहीं शिंदे चाहते हैं कि उनकी शिवसेना 60 से अधिक सीटों पर लड़े. वहीं अजित पवार भी चाहते हैं कि यह आंकड़ा और अधिक बढ़े. हर दल चाहता है कि अगर चुनाव बाद सरकार बने तो उसकी स्थिति मजबूत रहे. अब देखना होगा कि कौन इसमें एडजस्ट करेगा.
बीजेपी है महायुति में सबसे बड़ा दल
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन की सरकार है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटें जीती थीं. इस बार भी महायुति पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने जा रही है और सीट शेयरिंग पर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. वर्तमान में बीजेपी के 103 विधायक हैं. शिवसेना (शिंदे) के पास 40 विधायक और एनसीपी (अजित) के पास 43 विधायक हैं.
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होंगे चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने. जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.