मध्य प्रदेश के बैतूल में पुलिस ने एक अंधे कत्ल का खुलासा किया है. एक साल पहले हुई मारपीट की घटना का वीडियो वायरल होने से आहत आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़ित की हत्या कर दी और शव को जला दिया. पुलिस ने जली हुई खोपड़ी का डीएनए टेस्ट कर मृतक की शिनाख्त की और 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
शाहपुर थाना इलाके में 10 दिसंबर 2024 को वन विभाग ने पुलिस को सूचना दी कि अर्जुनगोंदी जंगल में जठान देव मंदिर के पास एक नाले में जली हुई मानव खोपड़ी मिली है. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची. जांच में पाया गया कि अज्ञात मृतक के शव को टायर और लकड़ियों की मदद से पूरी तरह जलाया गया था. घटनास्थल से एक जली हुई खोपड़ी, हड्डियों के कुछ अवशेष और एक स्टील का कड़ा बरामद हुआ. पुलिस ने साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से संकलित कर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की. अज्ञात मृतक की पहचान के लिए जांच शुरू की गई.
थाना कोतवाली बैतूल में रिंकेश चौहान, निवासी कुंड बकाजन, थाना चिचोली की गुमशुदगी दर्ज थी. परिजनों ने बताया कि रिंकेश के हाथ में हमेशा स्टील का कड़ा रहता था. पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए परिजनों का डीएनए नमूना लेकर एफएसएल जांच के लिए भेजा. रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि अर्जुनगोंदी जंगल में मिली खोपड़ी रिंकेश चौहान की ही थी.
पता चला कि एक साल पहले आरोपी आशीष परते के साथ मारपीट की घटना हुई थी. उसे एक कमरे में बंद कर नग्न अवस्था में उल्टा लटकाकर बेल्ट से पीटा गया था और उसका वीडियो वायरल कर दिया गया था. इस घटना में मृतक रिंकेश चौहान शामिल था और वह अदालत से जमानत पर बाहर आया था. वीडियो से आहत आशीष परते बदला लेने की फिराक में था.
पुलिस जांच से खुलासा हुआ कि 30 नवंबर 2024 को रिंकेश चौहान अदालत पेशी के लिए बैतूल गया था. इसके बाद वह मुलताई मेला देखने गया और झिटापाटी गांव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका. आशीष परते के भतीजे नितिन ने यह जानकारी आशीष को दी, जिससे आरोपियों को रिंकेश की लोकेशन मिल गई. इसके बाद आरोपियों ने रिंकेश को अगवा करने की योजना बनाई.
आरोपी आशीष परते, नितिन, प्रदीप, मनीष, एक अपचारी बालक और ड्राइवर मिंचू ने मिलकर रिंकेश को अगवा किया. उसे पाढर वाइन शॉप के पीछे टेकरी पर ले जाकर दिनभर प्रताड़ित किया. शाम को आशीष ने टायर और 15 लीटर डीजल की व्यवस्था की. फिर रिंकेश को अर्जुनगोंदी जंगल में जठान देव मंदिर के पास ले जाया गया, जहां उसे बेरहमी से पीटा गया. जब रिंकेश की मौत हो गई, तो उसके शव को लकड़ियों और टायरों के नीचे रखकर डीजल डालकर जला दिया गया और आरोपी मौके से फरार हो गए.
बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया ने बताया, “अर्जुनगोंदी जंगल में जली हुई खोपड़ी, हड्डियां और एक स्टील का कड़ा मिला था. हड्डियों का डीएनए टेस्ट कराकर मृतक की शिनाख्त की गई. एक साल पहले वायरल वीडियो से आहत आरोपी ने बदला लेने के लिए यह हत्या की. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.”
लगभग चार महीने की गहन जांच के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों—आशीष परते, नितिन, प्रदीप, मनीष, अपचारी बालक और मिंचू को गिरफ्तार किया. उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया है.