आगरा में कांस्टेबल बना किडनैपर, छात्र का अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती, पुलिस ने 24 घंटे में किया बचाव

उत्तर प्रदेश के आगरा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सैंया थाने में तैनात सिपाही मोनू तालान ने अपने दो साथियों राहुल और राजकुमार के साथ मिलकर एसएससी की तैयारी कर रहे छात्र हर्षवर्धन (23) का अपहरण कर लिया। आरोपियों ने छात्र के परिवार से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। हालांकि पुलिस की सक्रियता से छात्र को महज 24 घंटे के भीतर सुरक्षित छुड़ा लिया गया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार रात सिकंदरा के कारगिल चौराहे से हर्षवर्धन को कार में अगवा किया गया। अपहरण के बाद देर रात करीब 2:30 बजे अपहरणकर्ताओं ने छात्र के भाई कुशल सिंह को फोन कर 20 लाख रुपये की मांग की। धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो छात्र को झूठे मामले में फंसा देंगे या फिर उसकी हत्या कर देंगे। परिवार की गुजारिश पर आरोपी 5 लाख रुपये में मान गए।

मंगलवार शाम को पीड़ित परिवार ने न्यू आगरा थाने की पुलिस से संपर्क किया। एसीपी हरीपर्वत अक्षय संजय महाडिक ने टीम बनाई और फिरौती देने के बहाने अपहरणकर्ताओं को पोइया घाट के पास बुलवाया। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने जाल बिछाकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया और छात्र को सही-सलामत बचा लिया।

पीड़ित हर्षवर्धन ने बताया कि पूरी रात उसे कार में घुमाया गया, खाना नहीं दिया गया और लगातार डराया-धमकाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने अपहरण और फिरौती की धाराओं में केस दर्ज करने की पुष्टि की।

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी कांस्टेबल मोनू तालान के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2019 में जेवर थाने में बंधक बनाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला, 2023 में हापुड़ में दुष्कर्म और धोखाधड़ी का केस और बरेली में मारपीट और धमकी देने का केस दर्ज हो चुका है।

पुलिस के अनुसार, मोनू तालान ने वारदात को वीआईपी ड्यूटी के बाद अंजाम दिया। आरोपियों को जानकारी थी कि हर्षवर्धन ऑनलाइन गेमिंग से पैसे कमाता है, इसी लालच में अपहरण की साजिश रची गई थी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामला बिगड़ने से पहले ही संभल गया।

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