समस्तीपुर : जिले के विभूतिपुर प्रखंड क्षेत्र में एक दर्जन के करीब फर्जी शिक्षक बहाली के बीच एक ऐसे प्रभारी एचएम अचानक चर्चा में आ गए है.जिन्होंने अपने नियोजन के 11 वर्ष बाद विद्यालय में योगदान दिया।योगदान के कुछ ही दिनों बाद बीआरसी के आदेश पर एचएम का प्रभार भी ले ली।उनका नियोजन इकाई पंचायत बतायी जाती है।जबकि पंचायत में उनसे संबंधित कोई कागजात उपलब्ध नहीं है.
आपको बता दें कि हम चर्चा आलमपुर कोदरिया पंचायत के वार्ड 11 स्थित प्राथमिक उर्दू विद्यालय आलमपुर के प्रभारी एचएम की कर रहे हैं. स्थानीय लोगों की माने तो स्कूल में एचएम का अधिकतर कार्य उनके पति ही संपादित करते हैं. हालांकि एचएम हेना प्रवीण ग्रामीणों के आरोप को तो एक सिरे से खारिज कर देती हैं।लेकिन नियोजन व योगदान के बीच 11 वर्षो के अंतराल के सवाल पर चुप्पी साध लेती हैं.
स्कूल के पूर्व प्रभारी एचएम असद अंजान बताते है कि जबसे इनका योगदान और प्रभार हुआ है।तब से ही पूरी प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा की बू आ रही है।उन्होंने बताया कि हेना परवीन की बहाली 2013 में पंचायत नियोजन इकाई आलमपुर कोदरिया के द्वारा किये जाने की बात कही जा रही है जबकि उन्होंने योगदान जनवरी 24 में दी है।इस लंबे अंतराल के कारणों को बताया नहीं जाना फर्जीवाड़े का संकेत है।वर्ष 2016 से ही स्थानीय वार्ड सदस्य सह विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष सहजीना बेगम ने बताया कि मेडम के योगदान व प्रभार लेने की जानकारी भी उन्हें नही दी गयी।ब्लॉक वाले हाकिम के फरमान ही सारा काम चुपचाप हो जाता है। पूर्व एचएम असद अनजान द्वारा एरियर नहीं दिए जाने के बाबजूद 15 अगस्त 2024 को बीईओ कार्यालय से जारी आदेश के आलोक में वरीय शिक्षक हेना प्रवीण को एचएम का प्रभार मिल गया.एरियर व उपस्थिति पंजी के बिना ही लगातार उनका वेतन भुगतान भी हो रहा है.
पंचायत सचिव दिवाकर कुमार ने बताया कि पंचायत कार्यालय में इनके नियोजन से संबंधित कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं है।इस संबंध में पूछे जाने पर बीईओ कृष्णदेव महतो ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से मामला उनके संज्ञान में आया है।जल्द ही मामला की जांच कराई जाएगी.