हाई कोर्ट में आंबेडकर प्रतिमा स्थापना के मामले में चर्चाओं में रहे बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल मिश्रा पर क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि अधिवक्ता मिश्रा ने इंटरनेट मीडिया पर डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर विवादित टिप्पणी की। इसे शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने संबंधी कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन मानते हुए मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में एफआईआर
क्राइम ब्रांच की एफआईआर के अनुसार, कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा भास्तीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश में जिले की सीमा में सामाजिक, धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले भड़काऊ फोटो, कटआउट, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, फ्लेक्स बनाने और प्रदर्शित करने के साथ-साथ सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि) पर अपलोड-फॉरवर्ड करने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
नियमों का उल्लंघन
इस आदेश के पालन में क्राइम ब्रांच सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रख रही थी। इसी दौरान 5 अक्टूबर को सुबह 10:57 बजे आपत्तिजनक वीडियो व्हाट्सएप पर सामने आया, जिसमें अधिवक्ता अनिल मिश्रा द्वारा आंबेडकर के संबंध में फोटो-वीडियो मिले। जांच में प्रथम दृष्टया धारा 223, 353(2), 196(1) भारतीय न्याय संहिता 2023 का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
टिप्पणी को लेकर ओबीसी महासभा और बसपा ने एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन भी किया था। वहीं, रक्षक मोर्चा के संयोजक अमित दुबे ने कहा कि “रक्षक मोर्चा के संरक्षक सीनियर एडवोकेट अनिल मिश्रा पर दर्ज एफआइआर दबाव में की गई है।”