डायरेक्टर अनुभव सिन्हा सामाजिक समस्याओं को लेकर ‘मुल्क’, ‘आर्टिकल 15’ और ‘अनेक’ जैसी फिल्में बना चुके हैं. उनकी ये फिल्में जितनी चर्चा में रहीं, उतना ही इनपर विवाद भी हुआ. अब अनुभव का नया प्रोजेक्ट भी एक बार फिर विवादों के घेरे में है.
अनुभव ने नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘IC814’ डायरेक्ट की है. जहां रियल घटनाओं को ऑथेंटिक तरीके से दिखाने के लिए और एक एंगेजिंग शो डिलीवर करने के लिए अनुभव की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ शो पर विवाद भी शुरू हो गया है.
अनुभव के शो पर विवाद, मुकेश छाबड़ा ने दी सफाई
बहुत सारे लोग आरोप लगा रहे हैं कि ‘IC 814’ में रियल आतंकवादियों की पहचान छुपाने की कोशिश की गई है, क्योंकि शो में ये आतंकवादी निक-नेम इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं. शो में इनके निक-नेम हैं- बर्गर, चीफ, शंकर और भोला. इस बात को लेकर लोग शो का विरोध कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर नेटफ्लिक्स-बॉलीवुड के बॉयकॉट वाले हैशटैग के साथ पोस्ट करने लगे.
अब ‘IC 814’ के कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने आतंकवादियों और उनके निक-नेम को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने निक-नेम यूज किए थे और शो के लिए बहुत गहन रिसर्च की गई है.
मुकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मैं हाईजैक करने वालों के नामों को लेकर बहुत सारे ट्वीट पढ़ रहा हूं. हमने प्रॉपर रिसर्च की है. वो एक दूसरे को उन्हीं नामों से बुलाते थे. आप चाहे इन्हें निक-नेम कह लीजिए या नकली नाम या जो कुछ भी आप कहना चाहें.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मल्टीस्टारर कास्ट को प्यार देने के लिए आप सभी का शुक्रिया. मेरी टीम का बहुत शुक्रिया, और खासकर अनुभव सिन्हा का जिन्होंने हम पर विश्वास दिखाया और हमें एक्सप्लोर करने की आजादी दी.’
नीलेश मिश्रा ने भी बताई थी सच्चाई
इससे पहले जानेमाने राइटर-लिरिसिस्ट नीलेश मिश्रा ने भी इस विवाद को लेकर बात की थी, कांधार हाईजैक पर सबसे पहली किताबों में से एक लिख चुके नीलेश ने सोशल मीडिया पर इस विवाद को लेकर कहा, ‘सभी हाईजैकर्स ने नकली नाम इस्तेमाल किए थे. वो एक दूसरे को और पैसेंजर्स उन्हें, पूरी हाईजैकिंग के दौरान इन्हीं नामों से बुलाते थे.’
दिसंबर 1999 में, इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट नंबर IC 814 को आतंकवादियों के एक दल ने हाईजैक कर लिया था. इस एयरक्राफ्ट को अलग-अलग जगहों से होते हुए कांधार, अफगानिस्तान ले जाया गया.
नेगोशिएशन में भारत सरकार को अपने यात्रियों की जान के बदले आतंकियों की मांगें स्वीकार करनी पड़ी थीं. इसमें से एक मांग थी 3 ऐसे आतंकवादियों को रिहा करना जो उस समय भारत की जेलों में थे, और रिहा होने के बाद से आजतक, भारत में हो रही आतंकी घटनाओं के पीछे उनका बड़ा हाथ रहा है.