महाराष्ट्र चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ संबंधी विवादित बयान को लेकर चर्चा में आए मौलाना सज्जाद नोमानी ने अब अपने बयान पर माफी मांग ली है. चुनाव परिणाम आने के बाद मौलाना नोमानी ने एक पत्र जारी कर बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.
इस माफी के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मौलाना पर तीखा हमला किया. सोमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो संदेश में सवाल उठाते हुए कहा कि जब मौलाना ने माफी मांग ली है, तो अब राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे कब माफी मांगेंगे?
मौलाना सज्जाद नोमानी ने दी सफाई
मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक माफीनामे जारी करते हुए कहा कि उनके बयान को संदर्भ से बाहर देखना अनुचित होगा. उन्होंने कहा, ‘मेरा बयान सितंबर 2024 का है, जो महाराष्ट्र चुनाव से बहुत पहले का है. मैंने यह बात उन लोगों के संदर्भ में कही थी, जिनसे लोकसभा चुनाव में उनके मतदान के मौलिक अधिकार को छीना गया था. यह बयान किसी समुदाय के खिलाफ नहीं था, न ही इसका उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना था. फिर भी, यदि मेरे शब्दों से किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और बिना शर्त माफी मांगता हूं.’
सोमैया ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग से मौलाना नोमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सोमैया ने कहा कि माफी मांगने से यह स्पष्ट हो गया है कि उनका बयान भड़काऊ था और इससे समाज में तनाव पैदा हुआ. उन्होंने कहा, ‘मौलाना ने खुद स्वीकार किया है कि उनके बयान ने एक धर्म को भड़काने और दूसरे समाज की भावनाओं को आहत करने का काम किया. ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’ सोमैया ने यह भी कहा कि यह केवल मौलाना की माफी का मामला नहीं है, बल्कि उन सभी नेताओं की जिम्मेदारी बनती है, जिन्होंने ऐसे बयानों का समर्थन किया.
विवाद के बाद लोगों की आ रही प्रतिक्रियाएं
मौलाना के बयान और उसके बाद माफी पर देशभर में बहस छिड़ गई है. एक ओर मौलाना ने अपने बयान को संदर्भ विशेष में बताया है, तो दूसरी ओर बीजेपी इसे भड़काऊ करार दे रही है. इस विवाद के कारण महाराष्ट्र के राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ गया है. वहीं, मौलाना ने अपनी माफी में यह भी जोड़ा कि वे हमेशा से सत्य और न्याय के लिए खड़े रहे हैं और आगे भी हर उस व्यक्ति का विरोध करेंगे, जो आम लोगों पर अत्याचार करता है. अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है और यह विवाद कितना लंबा खिंचता है.