कोरबा: जिले के अंतिम छोर पसान में इस बार दशहरा का उत्सव विवादों में घिरता नजर आ रहा है. नवरात्रि के अंतिम दिन हवन-पूजन के बाद दशहरे का पर्व पूरे देश की तरह कोरबा में भी परंपरागत और धूमधाम से मनाया जाता है.
कोरबा शहर सहित दर्री, दीपका, पाली, कटघोरा, बांकीमोंगरा, हरदीबाजार और पसान जैसे क्षेत्रों में हर साल रंगारंग कार्यक्रमों के साथ रावण दहन किया जाता है. बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी लोग दशहरा मेलों में शामिल होते हैं.
पसान में दो संगठनों के बीच रावण दहन को लेकर टकराव
इस बार पसान में रावण दहन आयोजन को लेकर दो संगठनों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। हिंदू धर्म रक्षण संगठन और यज्ञ स्थल पसान एवं देवस्थानम बोर्ड दोनों संगठनों ने एक ही स्थान पर रावण दहन करने का दावा किया है। आयोजकों ने राजा लालमन सिंह सत्यमेव जयते स्टेडियम में कार्यक्रम की घोषणा की है, जिससे दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं.
अलग-अलग रावण की ऊंचाई
दोनों संगठनों ने रावण दहन के लिए अलग-अलग आमंत्रण पत्र भी छपवाए हैं। हिंदू धर्म रक्षण संगठन का दावा है कि वे 51 फीट ऊंचे रावण का दहन करेंगे। जबकि यज्ञ स्थल पसान और देवस्थानम बोर्ड ने 31 फीट ऊंचे रावण के दहन की घोषणा की है। दोनों आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति हेतु आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक किसी को भी आधिकारिक अनुमति नहीं मिली है.
प्रशासन कर सकता है हस्तक्षेप
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन इस विवाद में हस्तक्षेप कर सकता है। आने वाले दिनों में दोनों संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठक कर समाधान निकालने का प्रयास किया जा सकता है। इस तरह के धार्मिक आयोजनों में टकराव न हो, इसके लिए प्रशासन आयोजन स्थल, समय और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.
दशहरा: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व
गौरतलब है कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। हर वर्ष रावण दहन के माध्यम से इस पर्व को उल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. ऐसे में आयोजन को लेकर विवाद न केवल धार्मिक सौहार्द को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की सुरक्षा और व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकता है.
अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को किस तरह सुलझाता है और दोनों संगठनों के बीच सहमति से आयोजन करवाने की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं.