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पेरिस ओलंपिक में विवाद: बॉक्सिंग में महिला से हुआ मर्द का सामना? कुछ ही सेकंड में एंजेला कैरिनी ने मान ली हार

अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ एक बार फिर से अपने जेंडर को लेकर विवादों में हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में उनको खेलने की अनुमति इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी यानी IOC ने दे दी थी, लेकिन एक अगस्त को उनका पहला मुकाबला हुआ तो वह फिर से विवादों में आ गईं. इमान खलीफ का सामना इटली की एंजेला कैरिनी से हुआ, जो कुछ ही सेकंड चला और कैरिनी ने मुकाबले से पीछे हटना उचित समझा और उन्होंने रिंग छोड़ने का फैसला किया. इस तरह इमान खलीफ को जीत मिल गई.

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इटली की एंजेला कैरिनी और इमान खलीफ की भिड़ंत गुरुवार एक अगस्त को पहले राउंड में हुई. 66 किलोग्राम भारवर्ग का ये मुकाबला 46 सेकंड चला. इस मुकाबले को लेकर कहा जा रहा है कि ये एक मर्द और औरत के बीच मुकाबला था, क्योंकि इमान खलीफ को 2023 बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच से कुछ घंटे पहले अयोग्य घोषित करार दिया गया था. अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी एसोसिएशन (IBA) के पात्रता नियमों के अनुसार XY गुणसूत्र वाले एथलीटों को महिलाओं की स्पर्धाओं में भाग लेने से रोका जाता है. हालांकि, उन्हें पेरिस में प्रतिस्पर्धा करने के लिए योग्य माना गया, क्योंकि यहां अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति यानी आईओसी के नियम चलते हैं.

वहीं, अगर बात इमान खलीफ वर्सेस एंजेला कैरिनी मैच की करें तो 30 सेकंड बाद कैरिनी अपने कोच के पास अपना हेडगियर ठीक कराने के लिए गईं, लेकिन कुछ देर तक ऐसा करने के बाद वह रिंग में लौटीं, लेकिन कुछ ही सेकंड के बाद वापस कोने में चली गईं और रुक गईं. इसके तुरंत बाद वह रिंग से बाहर निकल गईं। ये देखकर हर कोई हैरान था, क्योंकि ईमान को जीत दे गई और सोशल मीडिया पर फिर से यही बात चली कि एक औरत को मर्द से भिड़ना पड़ा है. पूर्व ब्रिटिश बॉक्सर एंथनी फॉलर ने इसकी निंदा की है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “वे पुरुषों को महिलाओं के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? मैंने अभी एक ट्रांस महिला को एक महिला मुक्केबाज को इस हद तक पीटते हुए देखा कि वह लगभग 30 सेकंड में ही हार मान गई और उसे वहां तक पहुंचने में चार साल लग गए, मुझे इस दुनिया से नफरत है.” इसी तरह के तमाम मैसेज आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे, जो आईओसी को कोस कर रहे हैं.

वहीं, खुद एंजेला कैरिनी ने बताया कि नाक में बहुत ज्यादा दर्द होने के बाद उन्होंने लड़ने से मना कर दिया था. उन्होंने इस बात को लेकर स्पष्ट तौर पर नहीं कहा कि वह पुरुष है. कैरिनी ने कहा, “मेरे लिए, यह हार नहीं है. मेरे लिए, जब आप रस्सियों पर चढ़ते हैं, तो आप पहले से ही योद्धा होते हैं, आप पहले से ही विजेता होते हैं. सब कुछ ठीक है, इस तरह से ठीक है. मैं आज रात हारी नहीं…मैंने सिर्फ एक फाइटर के तौर पर अपना काम किया. मैं रिंग में उतरी और लड़ी. मैं सफल नहीं हो पाई. मैं अपना सिर ऊंचा करके और टूटे हुए दिल के साथ बाहर आ रही हूं.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं एक परिपक्व महिला हूं. अंगूठी मेरी जिंदगी है. मैं हमेशा से बहुत सहज रही हूं और जब मुझे लगता है कि कुछ ठीक नहीं है, तो मैं हार नहीं मानती. यह रुकने की परिपक्वता है. यह कहने की परिपक्वता है: ‘ठीक है, बस इतना ही काफी है’.” बता दें कि कुछ खेलों में महिला प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सीमित कर दिया गया है. ईमान खलीफ के अलावा ताइवान की डबल वर्ल्ड चैंपियन लिन यू-टिंग ने भी पिछले साल की विश्व चैंपियनशिप में अपना कांस्य पदक खो दिया था, क्योंकि वह भी मानदंडों को पूरा करने में विफल रही थीं. लिन भी पेरिस ओलंपिक में नजर आएंगी, जब वह शुक्रवार को पेरिस में फेदरवेट मुकाबले में उज्बेकिस्तान की सिटोरा टर्डीबेकोवा से भिड़ेंगी.

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