भारतीय युवती को बांग्लादेशी बताने पर विवाद: दुर्ग पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल, UN में शिकायत..

दुर्ग जिले में सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए 22 मई को पुलिस ने 2 बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा था। इनमें से एक महिला का मंगेतर उसे खोजते हुए पश्चिम बंगाल से छत्तीसगढ़ आ पहुंचा। विशाल चौधरी ने दावा किया है कि खुशबू बेगम भारत की रहने वाली है, वह बांग्लादेशी नहीं है।

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मामला मोहन नगर थाना क्षेत्र का है। महिला का केस लड़ रहे वकील ने भी दावा किया है कि वह बांग्लादेशी नहीं है। इसे लेकर यूएन तक पुलिस की शिकायत की गई है। इधर, पुलिस का कहना है कि सभी दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की गई है। मंगेतर ने न्याय की गुहार लगाई है।

यूएन हाउस में की गई दुर्ग पुलिस की शिकायत

खुशबू बेगम को छुड़वाने पश्चिम बंगाल से दुर्ग पहुंचे उसके मंगेतर विशाल कुमार चौधरी ने दुर्ग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए है और राजदूत, यूएन हाउस 55 जोसेफ स्टेंथ लेन, लोधी स्टेट नई दिल्ली में पत्र लिखकर शिकायत भी की है। उसने दुर्ग एसपी और आईजी से भी इस मामले की शिकायत करते हुए कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है।

रानी भारतीय है जानते हुए भी पुलिस ने कार्रवाई की- मंगेतर

विशाल कुमार चौधरी ने दुर्ग एसपी को लिखे पत्र में बताया कि खुशबू उर्फ रानी दिनाजपुर यूडी (उत्तर दिनाजपुर) की रहने वाली है। यह हिस्सा भारत देश का अंग है। इस आधार पर खुशबू भी भारतीय हुई। उसके माता पिता अभी भी वहीं रह रहे हैं। खुशबू की पढ़ाई भी दिनाजपुर में हुई है।

उसने कहा कि दुर्ग पुलिस ने दिनाजपुर पुलिस से यह पता करवाया था कि खुशबू वहीं की रहने वाली है और वहीं पली बढ़ी हैं। इसके बाद भी उन्होंने उसे बांग्लादेशी करार दे दिया और उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 के तहत मामला दर्ज किया।

पुलिस ने दो दिन तक खुशबू को अपने पास रखा

विशाल चौधरी ने दुर्ग पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस किसी भी आरोपी को बिना रिमांड लिए 24 घंटे से अधिक थाने में नहीं रख सकती है। पुलिस ने खुशबू और शनाया नूर को 22 मई की रात दो पुरुष और 5 महिलाओं के साथ गिरफ्तार किया था।

इसके बाद 23 मई को दो महिलाओं को एसडीएम कोर्ट में पेश करके छोड़ा गया और दो पुरुष और एक महिला को सीजीएम कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। इस दौरान पुलिस ने खुशबू और शनाया की गिरफ्तारी को नहीं दिखाया।

विशाल ने कहा कि पुलिस ने दोनों को दो दिन तक बिना रिकॉर्ड के अपने पास रखा और 24 मई 2025 को उसे न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस उसे यह बताए कि उसकी मंगेतर को पुलिस ने दो दिन तक कहां रखा और उसके साथ क्या किया।

भारतीय के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई – वकील

सीनियर अधिवक्ता अशोक शर्मा विशाल चौधरी का केस लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि खुशबू बांग्लादेशी होती तो वो कतई उसका केस नहीं लेते। उन्होंने उसके सारे दस्तावेज देखे हैं। इससे साफ है कि पुलिस ने एक भारतीय के खिलाफ जल्दबाजी में विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर दी है।

फर्जी शादी और फर्जी आधार कार्ड बनवाने का दावा

दुर्ग पुलिस ने 22 मई 2025 की रात 10 बजे जयंती नगर में छापामार कार्रवाई कर सेक्स रैकेट का खुलासा किया था और दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया था। उसमें से एक महिला का नाम रानी पासवान उर्फ खुशबू बेगम और दूसरी का नाम सपना शर्मा उर्फ शनाया नूर था।

दोनों महिलाओं के खिलाफ (BNS) की धारा 318(4), 319(2), 336(3) के अलावा फॉरेन एक्ट 1946 (Foreigners Act 1946) और पासपोर्ट एक्ट 1967 (Passport Act 1967) की धाराओं के तहत मोहन नगर थाने में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने यह भी दावा किया कि महिलाओं ने भारत आने के लिए फर्जी शादी की और जाली आधार कार्ड बनवाए। पुलिस ने कहा वो उन लोगों की तलाश करेगी, जिन्होंने इस महिलाओं की मदद की।

पुलिस ने की है पूरी तरह से सही कार्रवाई

इस बारे में विदेशी नागरिकों के लिए बनाई गई एसटीएफ के प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी ने कहा कि पुलिस ने जो कार्रवाई की है वो पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर की है। पुलिस ने पूरे दस्तावेज चेक किए हैं। खुशबू खान बांग्लादेशी है, इसलिए उसके खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

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