सतना में नवरात्रि के लिए मां दुर्गा की प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन मूर्तिकारों का विरोध किया, जो एआई तकनीक और कार्टून जैसी डॉलनुमा प्रतिमाएं तैयार कर रहे थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं केवल कला का प्रतीक नहीं बल्कि आस्था और परंपरा से जुड़ी होती हैं।
शहर के विंध्या मैरिज गार्डन और अभिनंदन रेस्टोरेंट के पास बनाए जा रहे पंडालों में मूर्तिकार आधुनिक डिजाइन की मूर्तियां गढ़ रहे थे। आयोजकों के ऑर्डर पर बनाई जा रही इन प्रतिमाओं को देखकर कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई। उन्होंने मूर्तिकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी मूर्तियां सनातन परंपरा का मजाक उड़ाती हैं और आस्था का अपमान करती हैं।
विहिप के जिला मंत्री विपिन सिंह ने कहा कि एआई आधारित और कार्टूननुमा मूर्तियां समाज की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ हैं। वहीं, प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख सागर गुप्ता ने इसे सनातन संस्कृति का उपहास बताते हुए कहा कि इस तरह की डिजिटल और क्यूट मूर्तियों का बच्चों और युवाओं पर गलत असर पड़ सकता है। उन्होंने आयोजकों से आग्रह किया कि मां दुर्गा की प्रतिमाएं केवल पारंपरिक स्वरूप में ही बनाई जाएं।
मामला बढ़ने पर आयोजक और मूर्तिकार असमंजस में पड़ गए हैं, जबकि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि त्योहारों में देवी-देवताओं की मूर्तियां हमारी संस्कृति और धार्मिक भावनाओं की पहचान होती हैं, इसलिए किसी भी आधुनिक या कार्टून जैसे प्रयोग को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह की प्रतिमाओं के निर्माण पर रोक नहीं लगी तो वे आंदोलन करेंगे। फिलहाल विवाद के चलते प्रतिमाओं के निर्माण को लेकर तनातनी बनी हुई है और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।