दिल्ली में मंगलवार को हुए कॉन्स्टीट्यूशन क्लब चुनाव के बाद आए नतीजों के बाद विवाद खड़ा हो गया है. चुनाव में कुल 669 वोट बैलेट पेपर से और 38 वोट पोस्टल बैलेट से डाले गए. शाम चार बजे वोटिंग खत्म होने के बाद घोषणा की गई कि 629 वोट बैलेट पेपर से पड़े. लेकिन मतगणना से पहले फिर से ऐलान हुआ कि गिनती में गलती हुई है और वास्तव में 669 वोट बैलेट पेपर से डाले गए हैं. इस गलती को लेकर दोनों पक्षों और चुनाव अधिकारियों के बीच बहस हुई, जिससे मतगणना एक घंटे देरी से शुरू हो सकी.
उम्मीदवारों को मिले वोट
राजीव प्रताप रूडी को कुल 373 वोट मिले, जिनमें 336 बैलेट पेपर से और 36 पोस्टल बैलेट से थे. संजीव बालियान को कुल 291 वोट मिले, जिनमें 290 बैलेट पेपर से और 1 पोस्टल बैलेट से थे. चुनाव अधिकारियों ने 14 बैलेट पेपर और 1 पोस्टल बैलेट को गलतियों के कारण रद्द कर दिया.
वोटिंग में अनियमितताओं के आरोप
संजीव बालियान ने तीन वोटों में गड़बड़ी का आरोप लगाया. पूर्व सांसद विजेंद्र सिंह का वोट किसी और ने डाल दिया. जब वे मतदान करने पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि उनका वोट पहले ही डल चुका है. इसी तरह, पूर्व बीएसपी सांसद राजाराम को भी यही स्थिति का सामना करना पड़ा. विवाद बढ़ने पर, विजेंद्र सिंह और राजाराम के वोटों को टेंडर वोट के रूप में रखा गया, जो केवल टाई की स्थिति में गिने जाते हैं.
बीजेपी सांसद सौमित्र खान को चुनाव से पहले बताया गया कि उनका वोट पोस्टल बैलेट से मिल गया है, जबकि उनका कहना है कि उन्होंने पोस्टल बैलेट से वोट नहीं डाला. लिखित शिकायत देने के बावजूद वे मतदान नहीं कर पाए.
शिकायत और जांच की मांग
संजीव बालियान और कुछ अन्य सांसदों ने सौमित्र खान के मामले में लोकसभा स्पीकर को लिखित शिकायत दी है. लोकसभा स्पीकर, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
सूत्रों के अनुसार, लगभग 30 पोस्टल बैलेट एक ही पोस्ट ऑफिस (नई दिल्ली) से पोस्ट किए गए हैं. संजीव बालियान ने कहा है कि इस पूरे मामले में वे अपने सहयोगी सांसदों से सलाह-मशविरा कर कानूनी कार्रवाई का निर्णय लेंगे.