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भारत में विदेशी ताकतों द्वारा प्रायोजित तरीके से किया जा रहा है धर्मांतरण: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

छतरपुर :  प्रसिद्ध बागेश्वर धाम में पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पत्रकार वार्ता की ।उन्होंने देश में धर्मांतरण को बड़ी चुनौती बताया।वहीं नक्सल वाद को रोकने के लिए आदिवासी सम्मेलन को महत्वपूर्ण जरूरत भी बताया.

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में भारत में विदेशी ताकतों द्वारा प्रायोजित तरीके से धर्मांतरण को विशेष तौर से प्रोत्साहित किया जा रहा है .उसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,केरल तेलंगाना, मिजोरम, असम, नागालैंड, उड़ीसा यह वह प्रदेश है जहां हिंदुओं का धर्मांतरण लालच ,प्रलोभन या फिर चमत्कारों की ट्रिक दिखाकर करवाया जा रहा है.

एक समुदाय है जिसे हम प्रकृति मित्र भी कहते हैं आप सब जानते हैं, वह समुदाय ऐसा है जिसे चुनाव के समय याद किया जाता है उसके बाद उसे भुला दिया जाता है, वह समुदाय ऐसा है जो शहरी शोर शराबा और आपकी चमक दमक से बहुत दूर है और अपनी संस्कृति को बचाए हुए हैं। वह समुदाय ऐसा है संसाधन बहुत कम है लेकिन प्रकृति के बहुत करीब और हमें लगता है परमात्मा के भी बहुत करीब है.

जब भगवान राम वनवास गए तो सबसे पहले अगर किसी ने साथ दिया तो आदिवासी समुदाय ने लोगों ने. आदिवासी कहते हैं हमारा मानना है कि वह अनादिवसी हैं वह जंगल में रहते हैं और मंगल मनाते हैं.

ईसाई मिशनरी कि कुछ ताकते कुछ धर्म विरोधी ताकतें जो वर्तमान में कई जगह पकड़ी गई उनकी मिशनरी की पोल खुली है ।लगातार जंगलों में जाकर आदिवासी लोगों को चमत्कार दिखाकर प्रलोभन दिखाकर धर्मांतरण कर रहे हैं.

और हम सबको अगर हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए किसी चीज की सबसे पहले जरूरत है तो सबसे पहले धर्मांतरण को रोकना पड़ेगा. आदिवासी हमारे परिवार के अभिन्न अंग हैं.
मध्य प्रदेश के आज हमारा जो सम्मेलन हो रहा है आदिवासियों का उसमें मध्य प्रदेश के 19 जिलों के लोग आए हैं और उन्हें तीन संकल्प दिलाया जा रहे हैं.

किसी भी कीमत पर धर्मांतरण नहीं करेंगे शिक्षा पर जोर देंगे और हिंदुत्व का झंडा बुलंद रखेंगे गांव-गांव में और हर जगह हिंदुत्व के लिए हनुमान चालीसा बागेश्वर मडल बनाया जाएगा ताकि सेवादार जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतरने को तैयार रहें.

इन दोनों देश में नक्सलवाद की समस्या , छत्तीसगढ़ में विशेष तौर पर है इसको लेकर जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग बहुत सरल और सहज होते हैं सज्जन होते हैं जैसा भी उनको कह दो वह उसे करने पर उतारू हो जाते हैं.

इसलिए हमने आदिवासी सम्मेलन का एक संकल्प लिया है आदिवासी सम्मेलन कर हम जन जागृति करेंगे आदिवासी सम्मेलन आज जो किया है वह अनवरत जारी रहेगा पूरे देश में यह किया जाएगा, देश के आदिवासियों को एकत्रित करेंगे यही लोग उनको समझाएंगे उन्हें बताएंगे कि आप परिवार के लोग हैं देश के खिलाफ समाज के खिलाफ न जाओ यह नक्सलवाद गृह युद्ध देश के लिए सबसे बड़ा कैंसर नामक रोग है.

और हमें भरोसा है कि सरकार अपना कार्य करेगी उससे भी रोक होगी और बागेश्वर धाम की टीम और जब आदिवासी समुदाय जगह-जगह सम्मेलन जगह होंगे तो वह भी नक्सलवाद पर रोक लगाएगी इसमें हमें किंचित मात्र संदेह नहीं है.उन्होंने कहा कि हमारा विचार है कि नक्सलवाद खत्म हो छत्तीसगढ़ सुरक्षित और संरक्षित हो सरकार अपना कार्य करेगी और हम अपना कार्य करेंगे हम साधु हैं उनके विचार परिवर्तन करने में जो भी हमारा वाणी का उपयोग होगा बैठकों का सदुपयोग होगा हनुमान जी से प्रार्थना होगी वह हम करेंगे.

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