कांकेर: बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रविवार को कांकेर में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया. धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण को नक्सलवाद से बड़ा खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद व्यक्ति विशेष को टारगेट करते रहे है जबकि धर्मांतरण पूरे समाज को निशाना बनाकर किया जा रहा है.
गुरुकुल शिक्षा पद्धति से धर्मांतरण में कमी आने का दावा: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को खोखला करना मतलब देश को खोखला करने का काम किया जा रहा है. जिसे रोकना बेहद जरूरी है. छत्तीसगढ़ की भूमि पर धर्मांतरण बहुत बड़ा चैलेंज है. यहां के कई इलाके ऐसे है जहां आज भी आसानी से पहुंच नहीं जा सकता. ऐसे इलाकों में ही भोले भाले आदिवासियों को लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है. धर्मांतरण से बचने के लिए प्राचीन शिक्षा पद्धति गुरुकुल शिक्षा पद्धति को शुरू करना पड़ेगा. मिशनरी स्कूलों में बच्चों को भेजने के बजाय गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर जोर देने की भी बात शास्त्री ने कही.
“हिंदू सिर्फ नाम के लिए एक”: बागेश्वर धाम ने कहा कि हिंदू को छोड़कर बाकी समाज में एकजुटता है लेकिन हिंदुओं में एकजुटता की कमी है. हिंदू सिर्फ नाम के लिए एक है. हिंदू, हिंदू के साथ खड़ा नहीं है. हिंदू हिंदुत्व के प्रति जागरूक नहीं है. उनके पास अपने वेदों, उपनिषदों का ज्ञान नहीं है. बाकी समाज के लोगों में भी अलग अलग जातियां है, लेकिन जब मौका आता है तो वो एक हो जाते हैं, जिसकी हिंदुओं में कमी है.
बस्तर और जशपुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा जल्द: शास्त्री ने कहा कि हिंदू समाज को जोड़ने के लिए वह प्रयास कर रहे हैं. धर्मांतरण को रोकने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के देश भर में पद यात्रा करने की बात भी कही है, साथ ही छत्तीसगढ़ के बस्तर और जशपुर में जल्द कथावाचन करने की बात कही है.
कांकेर से बाबा बागेश्वर का पुराना नाता: पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान ही धर्म परिवर्तन कर मिशनरी समाज में शामिल हो चुके 11 परिवार ने वापस हिंदू धर्म में वापसी भी की है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कांकेर से अपने पुराने रिश्ते का जिक्र करते हुए बताया कि जिस पहाड़ा वाली मां भुनेश्वरी के दरबार में वो महायज्ञ में शामिल होने पहुंचे है वहां वो पहले भी आ चुके है और यहां से उनका पुराना नाता रहा है. बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री कई साल पहले कांकेर में लंबा समय बिता चुके है.