भारत ने पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला है. दरअसल, अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. इस पर पाकिस्तान ने हंगामा किया, जिस पर भारत ने कहा है कि ‘स्थायी सहयोग भरोसे पर टिका होता है, आतंक पर नहीं.’
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने कहा कि 1960 में सिंधु जल संधि दोस्ती और आपसी सहयोग की भावना से की गई थी, लेकिन ‘1960 की दुनिया, आज की दुनिया जैसी नहीं थी.’
‘परिषद को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा PAK’
उन्होंने कहा, ‘हमें गहरी चिंता है कि एक खास प्रतिनिधिमंडल लगातार और जानबूझकर परिषद की कार्यवाही को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है. ऐसे कदम न सिर्फ इस मंच की गंभीरता को कमजोर करते हैं बल्कि असली मुद्दों से ध्यान भी भटकाते हैं.’
भारत के ‘आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते’ वाले रुख को दोहराते हुए अनुपमा सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से लगातार हो रहा राज्य प्रायोजित आतंकवाद संधि के पालन की भावना को खत्म कर देता है.
‘असली सहयोग भरोसे पर टिका होता है’
उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन का बढ़ता असर, तकनीक की प्रगति और स्वच्छ ऊर्जा की जरूरत यह मांग करती है कि इस संधि की प्रासंगिकता और उपयोगिता की गंभीर समीक्षा की जाए. जो पक्ष बार-बार संधि की मूल भावना का उल्लंघन करता है, उसे दूसरों पर आरोप लगाने का हक नहीं है. असली सहयोग भरोसे पर टिका होता है, आतंक पर नहीं.’