गाजीपुर में भ्रष्टाचार… अकाउंटेंट ने अपने भाई की फर्म में किया 5 करोड़ का भुगतान, हुआ एक्शन

यूपी के गाजीपुर में सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी अब अपनी नौकरी से ज्यादा विभागीय बजट को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने का लगातार काम कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ बाराचवर ब्लॉक में अकाउंटेंट जितेंद्र श्रीवास्तव ने भी किया. उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने शासन के निर्देशों को ताक पर रखकर अपने सगे भाई की फर्म में कई करोड़ का भुगतान कर डाला है. इसकी जांच जब खुद खंड विकास अधिकारी ने की तब मामला सही पाया.

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उन्होंने इस संबंध में जिला विकास अधिकारी को पत्र लिखा है और इस कार्रवाई की मांग की है. गाजीपुर के बाराचवर ब्लॉक के सागा पाली दयाल सिंह गांव के रहने वाले मुकेश पटेल ने मुख्यमंत्री को 1 मई को एक शिकायत पत्र दिया, जिसमें उन्होंने बताया है कि बाराचवर ब्लॉक में कार्यरत कर्मचारी जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पद का अनुचित लाभ उठाते हुए अपने भाई प्रफुल्ल चंद श्रीवास्तव के फर्म राज ट्रेडर्स परसा फर्म में ग्राम पंचायत और ग्राम पंचायत निधि का भुगतान कर रहे हैं.

उक्त कर्मचारी के पास मनरेगा के अकाउंटेंट का चार्ज भी है. वह अपने डिजिटल सिग्नेचर से मनरेगा का भुगतान अपने ही फर्म राज ट्रेडर्स में कर रहे हैं. साथ ही उस फर्म का जीएसटी भी नहीं जमा किया जा रहा है. इस तरह वो 5 करोड़ से ऊपर का भुगतान राज ट्रेडर्स को कर चुके हैं. जो शासनादेश के अनुसार पूरी तरह से गलत है. शिकायतकर्ता मुकेश पटेल ने पत्र में यह भी बताया कि इसको लेकर वह गाजीपुर के जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जांच के बाद खुला मामला

मुख्यमंत्री के यहां शिकायत करने के बाद पत्र विभागीय अधिकारियों के पास पहुंचा. विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में जब करवाई और जांच करना आरंभ किया. तब ये मामला खुलकर सामने आया. जांच में पता चला कि वरिष्ठ सहायक मनरेगा लेखाकार जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपने भाई की फर्म में करोड़ों रुपए का भुगतान किया है. इसको लेकर खंड विकास अधिकारी बाराचवर ने जिला विकास अधिकारी गाजीपुर को 14 मई को पत्र भी लिखा. इसमें उन्होंने बताया है कि उक्त शिकायत पर फर्म का सत्यापन कराया गया, जिसमें जितेंद्र श्रीवास्तव द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि राज ट्रेडर्स परसा गाजीपुर फर्म उनके भाई प्रफुलचंद्र श्रीवास्तव के नाम से मनरेगा की वेबसाइट पर सामग्री आपूर्ति हेतु वेंडर के रूप में पंजीकृत है.

फर्म का पंजीकरण निरस्त हो

इसके बाद खंड विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को पत्र लिखते हुए बताया कि राज ट्रेडर्स परसा जितेंद्र श्रीवास्तव के भाई की है. इस फर्म को मनरेगा की वेबसाइट से पंजीकरण निरस्त करके और समुचित कार्रवाई की जाए. वहीं शिकायतकर्ता की बात मानी जाए तो ब्लॉक के कर्मचारी ने अपने भाई के फर्म से सिर्फ पांच करोड़ ही नहीं, बल्कि इससे अधिक की धनराशि का भुगतान किया है, जो जांच के बाद सामने आएगा.

 

 

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