रीवा में करोड़ों का भ्रष्टाचार या प्रशासनिक लापरवाही? अब EOW की निगाह में पूरा विभाग

रीवा :  लोक निर्माण विभाग और विद्युत यांत्रिकी विभाग पर 50 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा है.सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता बी.के. माला ने इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बताया है कि कैसे टेंडर प्रक्रिया में धांधली कर एक ही ठेकेदार को बार-बार अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

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यह मामला सरकारी विभागों में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की पोल खोलता है. बी.के. माला के अनुसार, नियमों को ताक पर रखकर, सिर्फ एक बार संशोधित होने वाले टेंडरों को कई बार संशोधित कर करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया.इस खेल में विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री विनय कुमार श्रीवास्तव पर सीधा आरोप है, जिनके कार्यक्षेत्र में रीवा और शहडोल संभाग आते हैं.

टेंडर में धांधली

आरोप है कि एक ही ठेकेदार को करोड़ों का लाभ देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई. जबकि नियमानुसार, किसी भी टेंडर को केवल एक बार ही संशोधित किया जा सकता है, यहाँ उसे कई बार संशोधित किया गया.

विधायक का उल्लेख:

विभाग की नोटशीट में रीवा विधायक का नाम भी सामने आया है, जिसमें टेंडर की राशि बढ़ाने की बात कही गई थी. हालांकि, बी.के. माला का कहना है कि विधायक का इरादा किसी खास ठेकेदार को फायदा पहुंचाना नहीं था.

दस्तावेजों की कमी:

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कार्यालय में संबंधित कार्यों के नक्शे और मैप तक उपलब्ध नहीं हैं.यह इस बात का सबूत है कि बिना उचित दस्तावेजों के ही बड़े पैमाने पर काम किए गए.

जांच की मांग

 

इस पूरे मामले की शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) कार्यालय भोपाल और रीवा में दर्ज कराई गई है. बी.के. माला ने उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने की मांग की है.यह घोटाला रीवा शहर के सामान नाका से करहिया गुप्ता पेट्रोल पंप तक और करहिया के फ्लाईओवर में लाइट लगाने के काम से जुड़ा है.

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