खंडवा। पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं। साइबर ठगी का नया मामला पंधाना थाना क्षेत्र में सामने आया है। यहां साइबर ठगाें ने बुजुर्ग दंपती को 13 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके घर में बंधक बनाकर रखा। इस दौरान ठगों ने उन्हें कई बार बैंक भेजकर उनकी एफडी तुड़वाई और रुपये अपने खाते में डलवा लिए। 13 दिन तक जांच के नाम पर दंपती अपने घर में ही कैद रहे और इस दौरान ठगों ने उसने 50 लाख रुपये ठग लिए।
पंधाना में बर्तनों की दुकान
यही नहीं घर बैठे दंपती से 70 हजार रुपये जमानत के नाम पर भी ले लिए। पीड़ित महिला जब जन्माष्टमी पर अपने भाई के घर गई तो रात में डरते हुए घरवालों को पूरी कहानी बताई, इसके बाद वे दंपती को लेकर थाने पहुंचे और शिकायत की। फिलहाल मामले की जांच साइबर सेल कर रही है। पीड़ित दंपती के अनुसार उनकी पंधाना में बर्तनों की दुकान है। उनके बच्चे नहीं है, घर में दोनों अकेले रहते हैं। 18 जुलाई को मेरे नंबर पर मुंबई के कोलंबा थाने से फोन आया। इस पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम उक्त थाने से बोल रहे हैं।
जांच के नाम पर घर से बाहर निकलने से रोका
आपके इस नंबर सिम से हत्या, अपहरण और धोखाधड़ी की गई। बुजुर्ग से इस तरह उनकी जानकारी ली गई।पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने फोन पर कहा कि मामला काफी गंभीर है। आपके खिलाफ जांच तो होगी, जिसमें आपको सहयोग करना होगा। पीड़ित दंपती ने बताया कि ठगों ने पुलिस बनकर इस तरह के मामले में नाम होने की बात कहकर कहा कि जांच शुरु हो गई है। अब आपको घर से बाहर नहीं निकलना है। हमारे अलावा किसी का फोन नहीं उठाना है। दंपती ने बताया कि पहली बार हमारे पास इस तरह का कॉल आया था, फोन पुलिस का होने से हम काफी डर गए थे और उनकी बात मानते चले गए।
पेंमेंट की जांच करने के नाम पर ठगा
पीड़ित ने बताया कि ठगों ने हमें वीडियो कॉल किए, जिसमें पूरा थाना और वर्दी पहना हुआ पुलिस स्टाफ भी दिखाई देता था। ठगों ने कहा कि यदि आप घर में नहीं रहोगे तो आपको कोलंबा थाने आना पड़ेगा। दंपती ने कहा कि हम बुजुर्ग है, इतनी दूर कैसे आएंगे। इस पर ठगों ने उन्हें घर ही रहने की बात कही। इसके बाद 21 जुलाई को कहा कि आपके रुपयों की भी जांच करनी पड़ेगी। आप बैंक जाओ और अपनी एफडी तुड़वाकर हमारे खाते में ट्रांजैक्शन कर दाे। दंपती ने 30 लाख रुपसे एफडी 21 जुलाई को तुड़वाकर ठगों के द्वारा दिए गए खाते में डाल दी।