साल 2020 में पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने के लिए एक व्यक्ति को दिल्ली की अदालत ने दोषी ठहराया है. 10 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. उसे उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कहा कि जिन परिस्थितियों में पीड़िता की हत्या हुई, वो अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त थी. अपराधी ने बचने के लिए बहुत चालाकी दिखाई, लेकिन नाकाम रहा.
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि जिन परिस्थितियों में पीड़िता पिंकी की हत्या की गई, वो स्पष्ट रूप से उसके पति जसविंदर सिंह उर्फ कालिया के अपराध को इंगित करती है. उसके खिलाफ दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत केस में सुनवाई चल रही थी. इस दौरान सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी पति को दोषी ठहराया है.
30 जनवरी को एक आदेश में अदालत ने कहा कि दंपति अपने घर की पहली मंजिल पर परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रहते थे. पीड़िता के पिता और बहन के अनुसार कालिया अपनी पत्नी से खुश नहीं था. पीड़िता को दौरे पड़ते थे. वो बच्चा पैदा करने में असमर्थ थी. यही वजह है कि वो नशे की हालत में अपनी पत्नी के साथ हमेशा बुरा व्यवहार करता था. उसके साथ मारपीट भी किया करता था.
अदालत ने कहा, “सबूतों से यह साबित हुआ कि पिंकी जीवित थी. 13 जनवरी, 2020 को दोपहर करीब 2.30 बजे तक कालिया के साथ थी, जब आशा (मृतक की बहन) ने उससे आखिरी बार बात की थी. आशा को कालिया से शाम करीब 6.15 बजे पता चला कि पिंकी की तबीयत ठीक नहीं है. उसे दौरा पड़ा है.” लेकिन चिकित्सा साक्ष्यों के अनुसार, पीड़िता के चेहरे और शरीर पर चोट के कई निशान थे.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण दम घुटना बताया गया था. अदालत ने कहा कि घटना के दिन दंपति से कोई मिलने नहीं आया था. हत्या की परिस्थितियों के बारे में आरोपी को पता था. हालांकि, आरोपी अपनी पत्नी की मौत की परिस्थितियों को स्पष्ट करने में विफल रहा. उसने अस्पताल में पत्नी को लगी गंभीर चोटों के बारे अलग-अलग वजहें बताता रहा, जो संदिग्ध लग रहा था.