लालू यादव के खिलाफ कोर्ट का नोटिस, बिहारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर फंसे RJD सुप्रीमो

मुजफ्फरपुर : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कानूनी मुश्किलों में फंस गए हैं. मुजफ्फरपुर की अदालत ने बिहारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उन्हें नोटिस जारी किया है और जवाब तलब किया है.

सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल : आरोप है कि लालू यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर ‘बिहार = बलात्कार’ लिखा और इस पोस्ट को कई बार साझा किया. इस टिप्पणी ने बिहारवासियों में तीखा रोष पैदा कर दिया और इसे उनकी गरिमा पर सीधा हमला माना गया.

वकील सुधीर ओझा की कानूनी कार्रवाई : एडवोकेट सुधीर ओझा ने 30 सितंबर 2024 को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (पश्चिमी) के न्यायालय में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया. मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 352, 353, 35(2), 35(3), 192 और 196 के तहत दायर हुआ.

जांच से ट्रायल कोर्ट तक सफर : ACJM ने BNSS की धारा 212 के तहत मामले की जांच के आदेश दिए और इसे निचली अदालत भेजा. बाद में केस न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (पश्चिमी) अंजली सिन्हा की अदालत में स्थानांतरित किया गया.

कोर्ट ने माना गंभीर मामला : सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया. इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को तय की गई है.

बिहार की छवि को नुकसान का आरोप : एडवोकेट सुधीर ओझा का कहना है कि लालू यादव के पोस्ट से करोड़ों बिहारवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं. उनका आरोप है कि राजनीतिक लाभ के लिए पूरे बिहार को गलत छवि में पेश किया गया, जो स्वीकार्य नहीं है.

”इस पोस्ट से करोड़ों बिहारवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. राजनीतिक लाभ के लिए पूरे बिहार को गलत श्रेणी में प्रस्तुत किया गया है. इसी से आहत होकर उन्होंने यह मुकदमा दायर किया.” एडवोकेट सुधीर ओझा, शिकायतकर्ता

Advertisements