आवारा कुत्तों पर कोर्ट का आदेश, जॉन ने चिट्ठी ल‍िखकर की अपील, जाह्नवी-अनुपमा हुईं दुखी 

आवारा कुत्तों पर जबसे सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है, देशभर से अलग-अलग ओपिनियन सामने आ रहे हैं. हां-ना की सोच की इस जंग में अब बॉलीवुड और टीवी सेलेब्स की भी एंट्री हो चुकी है. कई स्टार्स अपनी राय दे रहे हैं, और कुत्तों पर दिए गए इस आदेश को क्रूरता बता रहे हैं.

दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को एनिमल शेल्टर में भेजने का आदेश दिया. इस फैसले के बाद देशभर में नाराजगी फैल गई. पशु प्रेमी, एक्टिविस्ट और कई सेलेब्रिटीज ने इस पर निराशा और चिंता जताई. इनमें जाह्नवी कपूर, वरुण धवन, धनश्री वर्मा, रुपाली गांगुली और बाकी लोग भी शामिल थे, जिन्होंने इस फैसले का विरोध किया.

जाह्नवी कपूर ने उठाए सवाल, की अपील

जाह्नवी कपूर ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा,”वो इसे खतरा कहते हैं. हम इसे धड़कन कहते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट कहता है कि दिल्ली-एनसीआर की हर गली से कुत्तों को हटाकर बंद कर दो. न धूप मिलेगी, न आजादी, न वो अपने जान-पहचान वाले चेहरे देख पाएंगे, जिन्हें वो रोज सुबह हंसकर मिलते हैं. लेकिन ये सिर्फ ‘आवारा कुत्ते’ नहीं हैं, ये वही हैं जो आपकी चाय की दुकान के बाहर बिस्कुट के इंतजार में बैठते हैं, रात में दुकानदारों की चुपचाप पहरेदारी करते हैं, बच्चों के स्कूल से लौटने पर पूंछ हिलाकर उनका स्वागत करते हैं, और एक ठंडी, बेरुखी भरी शहर में थोड़ी सी गर्माहट होते हैं.”

जाह्नवी ने ये माना कि लोगों की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन इसे मानवीय तरीकों से हल किया जा सकता है. सुझाव देते हुए जाह्नवी बोलीं कि जैसे बड़े पैमाने पर नसबंदी, सामुदायिक फीडिंग जोन, और मजबूत गोद लेने की योजनाएं, न कि उन्हें शेल्टर में कैद करना. एक समाज जो अपनी आवाज की रक्षा नहीं कर सकता, वह अपनी आत्मा खो रहा है. आज ये कुत्ते हैं. कल… कौन होगा? अपनी आवाज उठाइए, क्योंकि उनके पास अपनी आवाज नहीं है.”

टीवी एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की और कहा कि ”आवारा कुत्ते ना सिर्फ हमारे रक्षक हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था का भी हिस्सा हैं. हमारी परंपराओं में कुत्ते भैरव बाबा के मंदिर की रखवाली रकते हैं और अमावस्या पर आशीर्वाद के लिए उन्हें खाना खिलाया जाता है. वे हमारी गलियों में पले-बढ़े हैं, दुकानों की रखवाली करते हैं, हमारे दरवाजों के बाहर इंतजार करते हैं, चोरों को भगाते हैं. अगर हम उन्हें अभी हटा दें तो असली खतरा आने से पहले ही हम अपने रक्षकों को खो देंगे. जैसे आग लगने से पहले अलार्म बंद कर देना. वे आवारा नहीं हैं. उनकी देखभाल करें. उन्हें टीका लगाएं. उन्हें खाना खिलाएं और उन्हें वहीं रहने देंजहां वे हैं.

 

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