भूपेश बघेल के करीबी ‘तांत्रिक-KK’ को कोर्ट ने भेजा जेल:21 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक KK श्रीवास्तव को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। केके करीब 12 दिनों से पुलिस की रिमांड में था। रायपुर कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

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मिली जानकारी के मुताबिक तेलीबांधा पुलिस ने सोमवार को केके श्रीवास्तव को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने दोबारा रिमांड लेने का कोई आवेदन नहीं दिया। इसके बाद कोर्ट ने श्रीवास्तव को जेल भेज दिया है। आरोपी श्रीवास्तव से पूछताछ में मिले तथ्यों पर आगे पुलिस कार्रवाई करेगी।

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केके श्रीवास्तव ने पुलिस के सामने कौन से राज खोले हैं, इसका खुलासा नहीं हुआ है। चर्चा है कि इस केस में कुछ और राजनीतिक हस्तियों की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस गिरफ्तारी के लिए प्लानिंग कर रही है।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर के प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी की थी। श्रीवास्तव के घर की तलाशी और खातों की जांच के दौरान 300 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन मिला है।

पैसों के लेन-देन के लिए श्रीवास्तव ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के खाते का इस्तेमाल किया है। यह पैसा कर्ज का बताया जा रहा है। श्रीवास्तव को पुलिस ने 20 जून की रात भोपाल में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। वहां वह हुलिया बदलकर रह रहा था।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, कांग्रेस की सरकार में श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसका सीएम हाउस में बे रोक टोक आना-जाना था। स्मार्ट सिटी और एनआरडीए में 500 करोड़ का काम दिलाने के लिए उसने दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ लिए थे।

अशोक को जब ठेका नहीं मिला तो उसने पैसे वापस मांगे। श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटाने का वादा किया। तय समय गुजरने के बाद पैसा नहीं दिया। रावत ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी तो उसने बेटे कंचन के खातों से 3.40 करोड़ लौटा दिए। इसके अलावा तीन-तीन करोड़ के तीन चेक दिए।

कारोबारी के मुताबिक चेक देने के बाद केके ने स्टॉप श्रेणी में डाल दिया। इस वजह से चेक क्लियर नहीं हुआ। इसके बाद कारोबारी ने श्रीवास्तव को फोन लगाया तो उसने नक्सली और राजनैतिक रसूखदारों से पहचान होने की बात कहकर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।

इसके बाद रावत ने बाप-बेटे के खिलाफ तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दोनों की जिला से सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है।

श्रीवास्तव के 12 से ज्यादा खातों की जांच में 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला।

गरीबों के खाते में जमा कराई थी करोड़ों की रकम, आश्रम भी चलाता था।

ईडी ने भी केके श्रीवास्तव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपराध दर्ज किया है।

तेलीबांधा थाने से लेकर ED ने दर्ज किया है केस

उत्तरप्रदेश के रावत एसोसिएट के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अजय के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने दिल्ली के रहने वाले उनके मालिक अर्जुन रावत को 500 करोड़ का काम दिलाने का आश्वासन दिया और फिर फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी की।

श्रीवास्तव के साथ उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी। FIR में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश के सबसे बड़े नेता भगोड़े ठग केके श्रीवास्तव से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये नेता भाजपा के हैं या कांग्रेस के ये नहीं लिखा गया है, लेकिन ठग पर आरोप है कि वो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सबसे बड़े नेताओं के करीबी थे।

खाते में 300 करोड़ का लेन-देन भी

ठग केके श्रीवास्तव के खातों की जांच में 300 करोड़ का लेन-देन मिला है। ये खाते EWS मकानों में रहने वालों के नाम पर हैं। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दिया है। पुलिस थाने में शिकायत के बाद ईडी केके भी श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी थी।

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