एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया के नाम से जाना जाता है, को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है. कंपनी ने हाल ही में स्वीकार किया है कि इस वैक्सीन के कुछ रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. यह जानकारी फरवरी में यूके हाई कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों से मिली है.
इन दस्तावेजों के अनुसार, थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) नामक एक रेयर खून का थक्का जमने की बीमारी इस वैक्सीन का एक संभावित साइड इफेक्ट हो सकती है. हालांकि, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह रेयर रोग उन लोगों में भी हो सकता है जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है.
एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया गया था, भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई है. जनवरी 2021 से अब तक, 29 अप्रैल 2024 तक, CoWIN पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला चुका है, जिसमें 1,749,417,978 से अधिक कोविशील्ड वैक्सीन की खुराकें दी जा चुकी हैं.
हालांकि, हाल ही में एस्ट्राजेनेका को एक सामूहिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि उनके टीके के कारण लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और मौतें हुई हैं.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई परिवारों ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट विनाशकारी परिणाम वे झेल रहे हैं. यह मुकदमा पिछले साल दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने दायर किया था, जिन्हें अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगने के बाद थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) से पर्मानेंट ब्रेन इंजरी हो गई थी. स्कॉट का मामला, कई अन्य लोगों के साथ, टीटीएस के गंभीर प्रभावों को उजागर करता है, जिसके कारण रक्त के थक्के बनते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है.
टेलीग्राफ से बात करते हुए, स्कॉट की पत्नी केट ने कहा, “मेडिकल जगत ने इस बात को स्वीकार किया है कि VITT रोग वैक्सीन के कारण होता है.”
जेमी स्कॉट की पत्नी केट ने अपने पति और अन्य प्रभावित परिवारों के लिए माफी और उचित मुआवजे की मांग की है.