मिर्ज़ापुर जिले में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा माले) और भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) द्वारा महिला हिंसा के बढ़ते मामलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान एक जुलूस निकाला गया जिसमें महिला अधिकारों की बात की गई और केंद्र तथा राज्य सरकार से महिला हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.
भाकपा माले के जिला संयोजक जीरा भारती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं अपने सम्मान, आज़ादी और बराबरी के अधिकार के लिए आवाज़ उठा रही हैं.उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा, बलात्कार, अपहरण और हत्या की घटनाओं की संख्या चिंताजनक है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन अपराधों के बाद महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता.
सभा में कई मांगें रखी गई, जिनमें उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर रोक, पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर सख्त कार्रवाई, और आईआईटी बीएचयू की गैंगरेप पीड़िता के दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई. साथ ही, बलात्कार के दोषियों आसाराम बापू और राम रहीम को जेल भेजने और उनकी पैरोल की रिहाई पर रोक लगाने की भी मांग की गई.
इसके अलावा, महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की भी मांग की गई, जैसे कि महिलाओं को राज्यकर्मी घोषित करने, कार्यस्थल पर यौन हिंसा के खिलाफ शिकायत कमेटी का गठन, विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि बढ़ाने, और रसोई गैस के दामों को 500 रुपये तक सीमित करने की मांग की गई.
सभा में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि मिर्ज़ापुर जिले में गोड, खरवार और बियार समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए, और सोनभद्र की तरह गोंड जाति को भी अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए. अंत में, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की गई.
इस विरोध प्रदर्शन में जिले के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं, जिन्होंने महिला हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई.