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‘सपनों के सौदागरों’ पर नकेल, अब नहीं चलेगी कोचिंग सेंटर्स की मनमानी, 10 पॉइंट्स में समझें सरकार की नई गाइडलाइन

कोचिंग सेंटर्स के चमकते होर्डिंग और बड़े-बड़े इश्तेहार देखकर हर साल हजारों स्टूडेंट्स छोटे शहरों से बड़े शहरों में पलायन करते हैं. यहां उनसे मोटी फीस ली जाती है. सफलता के झूठे-सच्चे सपने दिखाए जाते हैं. बच्चों के सपने पूरे करने के लिए किसी के मां-बाप जमीन बेच देते हैं तो किसी के कर्जा लेकर उन्हें भेजते हैं. लेकिन साल बीतने के बाद ज्यादातर छात्रों के हाथ निराशा ही लगती है.

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भ्रामक विज्ञापन देने वाले ऐसे कोचिंग सेंटर्स पर सरकार ने नकेल कसने की शुरुआत कर दी है. केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. अगर कोई भी कोचिंग सेंटर इनका पालन करने से इनकार करता है तो उस पर पचास लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

उपभोक्त मंत्रालय की सचिव निधि खरे के मुताबिक ये फैसला छात्रों के हित में लिया गया है. दरअसल, कोचिंग सेंटर जो विज्ञापन देते हैं, उसमें सुविधाओं के साथ-साथ फैकल्टी से जुड़ी जानकारियां साफतौर पर नहीं देते. ऐसे कोचिंग सेंटर्स पर अब 10 लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके बाद भी नहीं मानते हैं तो विज्ञापन जारी करने का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा.

क्या है सरकार की नई गाइडलाइन?

  1. सबसे पहले तो कोचिंग सेंटर की परिभाषा स्पष्ट की गई है. नियम के तहत कोचिंग सेंटर का मतलब ऐसे सेंटर से होगा, जिसमें 50 छात्र तो पढ़ते ही हों और इस पर एक या उससे ज्यादा लोग प्रशासन करते हैं.
  2. कोचिंग का अर्थ है, अकादमिक सपोर्ट, शिक्षा संबंधित गाइडेंस, स्टडी प्रोग्राम, ट्यूशन या इससे जुड़ा हुआ कोई भी काम.
  3. कोचिंग सेंटर्स के अलावा एंडोर्समेंट या प्रोत्साहित करने वालों पर भी नियम लागू होंगे. एंडोर्समेंट की परिभाषा भी स्पष्ट की गई, जिसका मतलब है कोई समूह या व्यक्ति प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन देता है या अपने अनुभव शेयर करता है तो उसे एंडोर्समेंट माना जाएगा.
  4. सेवाओं और क्वालिटी को लेकर स्पष्ट जानकारी देनी होगी. ट्यूशन सेंटर को कुछ चीजें स्पष्ट तौर पर बतानी होगी. जैसे कोर्स किस बारे में है. पूरा करने की अवधि क्या होगी. कौन से फैकल्टी उसे पढ़ाएंगे और उनकी विश्वसनीयता क्या है. कोर्स की फीस क्या होगी.
  5. अक्सर कोचिंग सेंटर यह नहीं बताते हैं कि अगर छात्र कोर्स छोड़ता है तो उसे रिफंड मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कितना मिलेगा. लेकिन अब यह जानकारी भी कोचिंग सेंटर को देनी होगी. इन सब के अलावा किसी के सलेक्शन या रैंक से जुड़ा विज्ञापन दिया जाता है तो उस पर नियम लागू होगा.
  6. कई बार कोचिंग सेंटर यह दावा करते हैं कि उनका बैच भरने वाला है और कुछ ही सीट बची हैं, ऐसी स्थिति में जल्दबाजी के चक्कर में छात्र कोचिंग में प्रवेश ले लेते हैं. कोचिंग सेंटर अब इस तरह भ्रम नहीं फैला सकेंगे, जिससे छात्र जल्दबाजी में गलत फैसला ले ले.
  7. सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं, उसमें कोचिंग सेंटर को दाखिले के साथ ही सेवा और क्ववालिटी को लेकर भी पूरी स्थिति स्पष्ट करनी होगी.
  8. दिल्ली के कोचिंग सेंटर में बाढ़ का पानी घुसने से कई बच्चे मारे गए थे. ऐसी घटनाएं आगे न हों इसे ध्यान में रखते हुए भी निर्देश जारी किए गए हैं. अब कोचिंग सेंटर्स को अपने विज्ञापन में बताना होगा कि उनके यहां कितने बच्चों के बैठने की व्यवस्था है. एंट्री और एग्जिट कितने हैं. जगह कितनी है.
  9. कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापन में इंफ्रास्ट्रक्चर, संसाधन और सुविधाओं की सही जानकारी देनी होगी. यह भी बताना होगा कि जो कोर्स वो पढ़ा रहे हैं क्या वो UGC या ऐसी किसी संस्था से मान्यता प्राप्त है या नहीं है.
  10. उपभोक्ता सचिव निधि खरे के मुताबिक जिस तरह के भ्रामक विज्ञापन कोचिंग सेंटर दिखाते हैं, उन्हें लेकर पहले कार्रवाई की गई है. छात्रों को भ्रम से न गुजरना पड़े इसके लिए ये नियम लागू हो रहे हैं.

इन कोचिंग सेंटर्स पर हो चुका है एक्शन

हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने जानी-मानी कोचिंग्स पर जुर्माना ठोका था. इन सेंटर्स ने आइएएस और आइपीएस (UPSC) कोचिंग को लेकर गलत प्रचार किया था, जिससे हजारों छात्र भ्रमित हुए थे. CCPA ने कई कोचिंग सेंटरों को नोटिस भेजा था. इनमें अनएकेडमी, दृष्टि आईएएस, वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, मलूका आईएएस, सीकर्स एजुकेशनल सर्विसेज, विजन आईएएस 2024, इकरा आईएएस, चहल अकादमी, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, नारायण मेडिकल एकेडमी, शुभ्रा रंजन आईएएस, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, अभिमन्यु आईएएस, संदेश अकादमी, श्री राम आईएएस, बायजूस आईएएस-2022, राव आईएएस स्टडी सर्किल, ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल हैं.

बड़े कोचिंग सेंटर्स पर लग चुका है जुर्माना

> इकरा आईएएस पर भ्रामक विज्ञापन के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया.

> खान स्टडी ग्रुप पर पांच लाख रुपए का जुर्माना.

> चहल अकादमी पर एक लाख का जुर्माना.

> बायजूस IAS अकादमी पर 10 लाख रुपए का जुर्माना.

> मलूका IAS अकादमी पर तीन लाख रुपए का जुर्माना.

> अनएकेडमी पर एक लाख रुपया का जुर्माना.

> राव आईएएस स्टडी सर्किल पर एक लाख रुपया का जुर्माना.

चहल अकादमी पर क्यों लगा जुर्माना?

उपभोक्ता मंत्रालय ने कुछ समय पहले कोचिंग सेंटर्स के दावों की जांच की तो बड़ी अनियमितताएं पाई गईं थीं. उदाहरण के तौर पर चहल अकादमी ने अपने पोस्टर पर लिखा था कि UPSC में साल 2022-23 में 300 से ज्यादा छात्रों का चयन हुआ. इनमें से 5 में से 4 लोग टॉपर थे. पोस्टर में रैंक वन से लेकर रैंक 16 तक के बच्चों की तस्वीर भी छापी गई थी. जब उपभोक्ता मंत्रालय ने इसकी जांच की तो पाया कि अकादमी ने जानबूझकर छात्रों के कोर्स गी जानकारी छुपाई. 3 छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने इस इंस्टीट्यूट में सिर्फ मॉक इंटरव्यू फ्री में दिया था. सच पता चलने पर एक लाख रुपए का जुर्माना ठोका गया था.

खान स्टडी सर्किल पर भी लगा फाइन

खान स्टडी सर्किल ने UPSC 2022-23 के नतीजे छापे. इसमें कहा गया कि उसके बच्चे टॉप फाइव में शामिल हैं. विज्ञापन में दावा किया गया कि उनकी 993 में से 682 बच्चे UPSC परीक्षा 2022 में चुने गए हैं. पोस्टर में उनकी फोटो भी लगाई गई. जांच में पाया गया कि छात्रों ने जिस विषय या कोर्स चुना था उसकी जानकारी छुपाई गई. इनमें से 73 सफल उम्मीदवारों ने सिर्फ मॉक इंटरव्यू दिया था. इसके बाद पांच लाख रुपए का जुर्माना कोचिंग पर ठोंका गया.

मलूका IAS ने किया था सिलेक्शन का दावा

इसी तरह मलूका IAS अकादमी ने प्री और मेंस की परीक्षाओं के लिए विज्ञापन दिया. इसमें दावा किया गया कि प्री और मेंस परीक्षाएं पास कराने की गारंटी है. ये भी बताया कि साल 2022 में UPSC सीएसई परीक्षा में 136 छात्रों का सलेक्शन हुआ. जांच करने पर पता चला कि 124 उम्मीदवारों ने पूरा इंटरव्यू गाइडेंस कोर्स लिया था और सफलता की गारंटी का दावा झूठा था. इंस्टीट्यूट की क्षमता और सेवाओं के बारे में गलत जानकारी दी गई. इसलिए सेंटर पर 3 लाख का का जुर्माना ठोंका गया.

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