भारत की आर्थिक अपराध जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेक कंपनियों गूगल और मेटा के बड़े अधिकारियों को आज दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है. वजह ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है. आखिर ये पूरा मामला क्या है यहां इसके बारे में पूरी डिटेल्स पढ़ें.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ये जांच कर रही है कि क्या गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी ऐप्स के एड्स को बढ़ावा देकर इनके प्रोमोशन में मदद क रही है. ये आरोप ऐसे समय में लगे हैं जब सरकार पहले ही सट्टेबाजी से जुड़ी सभी एड्स एक्टिविटी को लेकर एडवाइजरी जारी कर चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ये जांच कर रही है कि क्या गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर सट्टेबाजी ऐप्स के एड्स को बढ़ावा देकर इनके प्रोमोशन में मदद क रही है. ये आरोप ऐसे समय में लगे हैं जब सरकार पहले ही सट्टेबाजी से जुड़ी सभी एड्स एक्टिविटी को लेकर एडवाइजरी जारी कर चुकी है.
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दोनों कंपनियों ने गवर्नमेंट एडवाइजरी को नजरअंदाज कर सट्टेबाजी जैसे गैरकानूनी कामों को प्रमोट किया है. ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि गूगल और मेटा ने इन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स से कितनी कमाई की और क्या इनके जरिए किसी और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म को भी प्रमोट किया गया है.
गूगल और मेटा की चुप्पी
फिलहाल, अब तक गूगल और मेटा की ओर से इस मुद्दे पर कोई ऑफिशियल जवाब नहीं आया है. लेकिन आज कोर्ट की पेशी में संभावना है कि दोनों कंपनियां अपनी चुप्पी तोड़ेंगी और अपना पक्ष सामने रखेंगी.
सरकार की चेतावनी पहले ही जारी
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने 2022 में एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें सभी टीवी चैनलों और डिजिटल मीडिया से सट्टेबाजी और जुए से जुड़े एड्स से दूर रहने को कहा गया था. मंत्रालय ने पहले ही वॉर्न किया था कि ये एड्स युवा और बच्चों पर गलत असर डाल सकते हैं और इससे पैसों का जोखिम हो सकता है.
गूगल और मेटा जैसी टेक दिग्गज कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं अगर ईडी की जांच में आरोप सही साबित होते हैं. ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अब सरकार की कड़ी नजर है.