रायगढ़ जिले के कोड़केला गांव में रहने वाले लोगों को अब अपने ही घर में डर लगने लगा है। यहां कोयला खनन के लिए किए जाने वाले ब्लास्ट के कंपन से घर की दीवारों में दरारें पड़ गई है। जब ब्लास्ट होता है तो किचन में रखे बर्तन झनझनाते है। पक्के घरों की छत और कच्चे मकान के छप्पर गिर जाते है।
इस समस्या से परेशान ग्रामीण हिंडाल्को कंपनी के खिलाफ 11 जून बुधवार को धरने में बैठ गए। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि कंपनी को इसकी जानकारी होने के बावजूद ना कोई मरम्मत ना कोई मुआवजा दिया जा रहा है।
ग्रामीण 8 घंटे तक धरने पर बैठे रहे जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें 3 दिन में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों की मांग है कि घरों की मरम्मत कराई जाए, उचित मुआवजा राशि दी जाए और ब्लास्टिंग की तीव्रता को कम की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल बहुत कम मुआवजा दिया गया था। जिसके विरोध में वे पिछले साल भी प्रदर्शन के लिए उतरे थे। ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी भी की। आश्वासन के बाद धरना खत्म किया गया।